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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 16 Sep 2025 6:38 PM |   23 views

अमेठी की आरती अग्रहरि बनी महिला सशक्तिकरण की मिसाल

अमेठी। जिलाधिकारी संजय चौहान के मार्गदर्शन तथा मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल के नेतृत्व में जनपद अमेठी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत टीकरमाफी, विकास खण्ड भादर की रहने वाली आरती अग्रहरि ने अपने संकल्प, मेहनत और लगन के बल पर समाज में एक नई पहचान बनाई है।

टीकरमाफी ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या लगभग 4000 है। लंबे समय तक इस ग्राम पंचायत में महिलाओं की कोई सक्रिय भूमिका स्वयं सहायता समूहों में नहीं रही थी। सामाजिक व पारिवारिक संकोच, आर्थिक कठिनाइयाँ तथा समाज में व्याप्त परंपरागत सोच के कारण महिलाएँ समूह से जुड़ने का साहस नहीं कर पाती थीं। आरती अग्रहरि भी इन्हीं परिस्थितियों से गुजर रही थीं। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, बच्चों की पढ़ाई सही विद्यालयों में नहीं हो पा रही थी और पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ उन पर था। जब उन्होंने समूह से जुड़ने का निर्णय लिया तो परिवार और समाज दोनों ने उन्हें हतोत्साहित किया। कई बार ताने और आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।

आरती अग्रहरि ने हिम्मत नहीं हारी और खुशी स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं, जो उमंग संकुल संघ से संबद्ध है। समूह में शामिल होने के बाद उनके जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आने लगे। परिवार और समाज का दृष्टिकोण बदला। अब परिवारजन उनका सहयोग करने लगे हैं और उनके निर्णयों का सम्मान करने लगे हैं। उनके बच्चे आज अच्छे विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।

समूह की अन्य महिलाओं ने भी उनसे प्रेरणा लेकर स्वयं सहायता समूहों में सक्रिय भागीदारी करनी शुरू की। ग्राम पंचायत टीकरमाफी, जहाँ कभी कोई महिला समूह से नहीं जुड़ी थी, आज महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बन रही है।

आरती अग्रहरि आज अपने गाँव की महिलाओं के लिए मिसाल हैं। समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त की है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने का कार्य कर रही हैं। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यदि महिला को अवसर और सही दिशा मिले तो वह न केवल स्वयं का बल्कि पूरे परिवार और समाज का जीवन बदल सकती है।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि “आरती अग्रहरि जैसी महिलाओं की सफलता की कहानियाँ यह दर्शाती हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रहा है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियों को शासनादेश में निर्धारित पात्रता के अनुसार योजनाओं का लाभ मिले। सभी विकास खण्डों के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस प्रकार की सफल कहानियों को प्रत्येक ग्राम पंचायत तक पहुँचाया जाए और अन्य महिलाओं को प्रेरित किया जाए।

जिलाधिकारी ने भी आरती अग्रहरि के कार्य की सराहना करते हुए बताया कि “महिला स्वयं सहायता समूह न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम हैं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी आधार हैं। अमेठी की महिलाएँ अपने श्रम, साहस और आत्मविश्वास से नई कहानियाँ गढ़ रही हैं और जिले को पूरे प्रदेश में एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रही हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं  मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

आरती अग्रहरि की यह कहानी केवल एक महिला की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार की योजनाएँ जब सही पात्र लाभार्थियों तक पहुँचती हैं तो वे उनके जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकती हैं। आज आरती अग्रहरि ग्राम पंचायत टीकरमाफी की नहीं बल्कि पूरे जनपद अमेठी की प्रेरणा बन चुकी हैं।

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