भोजपुरी भाषा माटी आ संस्कृति के सवाल बा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ

जिसका बिषय था “भोजपुरी भाषा माटी आ संस्कृति के सवाल बा”।अध्यक्षता प्रो नील मणि प्रसाद वर्मा, पूर्व कुलपति बाबा साहब अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ ने किया। मुख्य वक्ता प्रो राणा प्रताप सिंह थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रहलाद केशरी ने किया। प्रो राणा प्रताप सिंह ने अपने अभिभाषण मे कहा कि भोजपुरी भाषा केवल एक संचार का माध्यम नहीं है, वल्कि संमृद्ध संस्कृति परम्परा और पहचान का प्रतीक है।
भोजपुरी भाषा की ताकत इसको बोलने वालो की संख्या, इसकी सांस्कृतिक संमृद्धिऔर वैश्विक पहचान मे निहित है। भाषा के संरक्षण से संस्कृति और परम्पराये संरक्षित होगी।भोजपुरी भाषी लोगो को अपनी पहचान पर गर्व करना होगा।
प्रहलाद केशरी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए हम लोगो को एकजुट होने का समय आ गया है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे माननीय प्रो नील मणि प्रसाद वर्मा ने कहा कि यह केवल भाषाई मुद्दा नहीं है वल्कि पहचान, सम्मान और सामाजिक न्याय का प्रश्न है।
सभागार मे उपस्थित लोगो के प्रति आभार प्रकट किया।
इस संगोष्ठी मे दिनेश तिवारी, हरिश्चन्द्र त्रिपाठी, गणेश शंकर बाजपेई, रवींद्र मिश्र, रामलोचन सिंह, दीनेन्द्र प्रताप सिंह, कृष्णानन्द राय, राम उजागिर सिंह, शिव बहादुर सिंह, आशुतोष कुमार विशेन, गोपालशरण सिंह, हिमांशु श्रीवास्तव, मनीष कुमार सिंह, अनुज चतुर्वेदी, मयंक उपाध्याय, ज्ञान प्रकाश वत्स, सर्वेश सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
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