राजस्थान में जबरन धर्मांतरण पर विश्व हिंदू परिषद हुई सख्त, मुख्यमंत्री से मिलकर सौंपा मांग पत्र
जयपुर- राजस्थान में हाल के दिनों में सामने आए जबरन और लालच देकर कराए जा रहे अवैध धर्मांतरण के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। इन घटनाओं को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की और एक मांग पत्र सौंपा। परिषद ने राज्य में ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की और धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की अपील की।
सीएम से मुलाकात में जताई गहरी चिंता
VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश के हर शहर-कस्बे में सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण के षड्यंत्र फैलाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लालच, झूठ, इलाज के झूठे दावों और अन्य प्रलोभनों के जरिए गरीब व असहाय लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यह न केवल हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।”
जनजातीय क्षेत्रों में संकट गहराया
परिषद ने राज्य के जनजातीय बहुल इलाकों की स्थिति पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि धर्मांतरण के कारण वहां की परंपराएं और सांस्कृतिक पहचान खतरे में पड़ गई है। आलोक कुमार ने बताया कि धर्मांतरण से जनजातीय समाज की अस्मिता और उनकी अनूठी जीवनशैली पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। ऐसे में इस पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने दिया कानून बनाने का आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भरोसा दिलाया कि राज्य में किसी भी सूरत में अवैध धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार जल्द ही इस विषय पर एक कठोर कानून बनाने की दिशा में कदम उठाएगी। साथ ही, ऐसे मामलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे कई प्रमुख पदाधिकारी
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के अलावा क्षेत्रीय संगठन मंत्री राजाराम, क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय, प्रांत पदाधिकारी परमेश्वर, सुंदर कटारिया, राधेश्याम गौतम और विवेक दिवाकर भी शामिल रहे। बैठक में परिषद की ओर से धर्मांतरण रोकने के लिए आवश्यक रणनीति और सुझाव भी दिए गए।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दी जानकारी
VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष परीक ने बताया कि परिषद का मुख्य उद्देश्य केवल हिंदू समाज की आस्था की रक्षा नहीं बल्कि देश की अखंडता और सांस्कृतिक विरासत को बचाना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का रवैया सकारात्मक रहा और हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के विरुद्ध सख्त कानून लागू होगा।