बेमौसम बरसात से फसलों पर प्रभाव

प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी भाटपाररानी देवरिया के निदेशक प्रो. रवि प्रकाश मौर्य सेवानिवृत वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि बेमौसम बारिश से उन किसानों को नुकसान होगा जिन्होंने अभी तक गेहूं की फसल की कटाई, मड़ाई नही किया है। मौसम ठीक होने पर फसल सुखने के बाद तुरंत गेहूँ की कटाई मड़ाई कर अनाज को सुखाकर भण्डारण करें।

बेमौसम बारिश से पोस्ट-हार्वेस्ट गतिविधियों पर असर पड़ सकता है, जिससे जल्द खराब होने वाली फलों/सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।अब और बारिश होती है तो मिट्टी में नमी बनी रहने से फसल में फंगस बैक्टीरिया, कीट आदि सहित पीला मोजैक रोग का खतरा बढ़ जाएगा।
ऐसे में फसल पीली होकर सड़ जाएगी। मक्का की फसलों को हवा चलने के कारण गिरने से नुकसान हाेने की संभावना है। कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल सड़ने की आशंका बनेगी। आम के टिकोरे( फल )तेज हवा चलने से गिरेगें। उर्द मूंग की फसल प्रभावित हो सकती है। जो किसान खेत से फसल काट कर खलिहान में रखे है वे प्रभावित होगी । मौसम साफ होने पर खलिहान में रखी फसल को फैला कर सुखाए।
किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि जल निकास की व्यवस्था सुनिश्चित करें जिससे फसलों को बचाया जा सकें। जो खेत खाली है उनकी मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें, जिससे तेज धूप होने से हानिकारक कीट,खरपतवार फन्गस आदि नष्ट हो जायेंगे तथा मृदा की गुणवत्ता बनी रहेगी।
मोबाइल पर मौसम एप डाउनलोड कर ताजा मौसम की जानकारी ले सकते है।
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