लक्ष्मीबाई
झांसी जिसका वास था
दुश्मनों के छक्के छुड़ाना
हरदम जिसका काम था।
वो झांसी की रानी थी
वीर थी और मर्दानी थी
इसीलिए इतिहास में उसका
बन गई अमिट कहानी थी ।
नहीं किसी से डरती थी
अन्याय खिलाफ वो लड़ती थी
कोई कितने ताकतवर हो
छक्के उसके छुड़ाती थी ।
स्वाभिमान में जीती थी
सत्य राह पर चलती थी
दुश्मन को वो धूल चटाती
वीरांगना ऐसी रानी थी ।
चेहरे पे उसके तेज था
हृदय में देश से स्नेह था
सबको वो दे गई प्रेरणा
सबसे उसको नेह था ।
हम सब की वो शान थी
अपने परिवार का मान थी
मात – पिता को दे गई सुन्दर
एक नई पहचान थी ।
संजुला सिंह “संजू “
जमशेदपुर (झारखंड )
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