Monday 10th of November 2025 01:26:12 PM

Breaking News
  • दूसरे चरण का प्रचार ख़त्म ,11 नवम्बर को 122 सीटों पर दिग्गजों की अग्नि परीक्षा|
  • दम घोटती दिल्ली की हवा पर गुस्सा , इंडिया गेट पर प्रदर्शन ,आप – कांग्रेस नेता हिरासत में |
  • जापान में फिर आया खतरनाक भूकंप |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 17 Sep 2023 11:19 AM |   508 views

मानवता

सुनो ठेकेदारों, दलालों
 तुम भी सुनो
अपने – अपने अनुयायियों की सिसकियाँ
यदि कान हैं तुम्हारे ?
 
जुबान तो है तुम लोगों की
जिसे देखा है कई लोगों ने
काल के हाथ- सी लम्बी
तलवार- सी धारदार
कोबरा से भी विषधर
सुनामी -सी प्रलयकारी
पानी में आग लगाने वाली।
 
बचने दो, हुकहुकाती मानवता को
प्रकृति की सर्वश्रेष्ठ कृति को
जिसके अंदर जन्मे हैं –
गुरू,ईश्वर,प्रभु,खुदा सभी फरिश्ते
निकल रहा है रोम-रोम से लहू
चोटिल है पोर – पोर 
उठाओ गोद में और ले जाओ वहाँ
जहाँ रोका जा सकता है बहता लहू
बचाई जा सकती है इंसानियत 
यदि हाथ हैं तुम्हारे।
 
पैर तो हैं तुम लोगों के
जिसे देखा है कई लोगों ने
कहीं भी धमकते ,जमते 
और कुचलते हुए-
खुशियाँ,सपने, रिश्ते,जीवन सबकुछ
गहरी साँस लो
जाने दो हवा निर्वाध 
फेफडों से हृदय तक
और महसूस करो 
वादियों में तैरती पीड़ा
यदि हृदय है तुम्हारे पास  
और सचमुच आदमी हो तुम लोग।
 
 
  ( पुष्प रंजन, बिहार  )
Facebook Comments