दैनिक श्रमिकों द्वारा जारी आंदोलन विश्व विद्यालय के विकास कार्यक्रमों में बना रोड़ा
नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालन्दा के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि जिस प्रकार वर्तमान समय में दैनिक श्रमिकों के द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के समीप अपनी मांगों को जबरन मनवाने को लेकर धरना- प्रदर्शन किया जा रहा है, ऐसी परिस्थिति में विश्वविद्यालय में एक असुरक्षा का वातावरण पैदा हो गया है। एक तरफ भारत सरकार के द्वारा आउटसोर्सिंग की व्यवस्था की शुरुआत की गई है,जिसके आलोक में नव नालन्दा महाविहार में भी 1 नवम्बर से आउटसोर्सिंग के तहत दैनिक श्रमिकों द्वारा कार्य शुरू किया गया है।वहीं पूर्व से विश्वविद्यालय में कार्य कर रहे दैनिक श्रमिक नियमित करने को लेकर बीते 1 नवम्बर से परिसर के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी दैनिक भोगी कर्मचारियों की माँग को लेकर हमने मंत्रालय के साथ-साथ फाइनेंस कमेटी के समक्ष बातें रखीं लेकिन भारत सरकार के श्रम मंत्रालय की नियमावली में दैनिक श्रमिकों को नियमित करने का कोई भी प्रावधान नहीं है। मंत्रालय के द्वारा मिले दिशा- निर्देश के आलोक में 1 नवंबर , 2022 से पूर्णरूपेण आउटसोर्सिंग किया गया है। जिसके तहत आउटसोर्सिंग में कर्मचारियों की ईपीएफ, मेडिकल आदि सुविधाओं का करार है। बताया कि कुल 25 दैनिक श्रमिक इस विश्वविद्यालय में थे , जिनमें से 13 श्रमिकों ने आउटसोर्सिंग के तहत कार्य कर भी शुरू कर दिए हैं।
