वंदेमातरम् के 150 वर्ष पूर्व होने पर कार्यक्रम का आयोजन
सलेमपुर – राजकीय महाविद्यालय सलेमपुर देवरिया में वंदेमातरम् के 150 वर्ष पूर्व होने पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ | जिसमे वंदेमातरम् के आरम्भ और इसे राष्ट्र गौरव से जोड़कर इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला गया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो . हरीश रहे | उन्होंने कहा कि वंदेमातरम्केवल राष्ट्रगीत नहीं था बल्कि देश की असीमता और बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत और बंग्ला में रचित गीत भारत की आज़ादी का प्रमुख संदेश बना |सन 1870-80 के मध्य में ब्रिटिश शासकों ने इस गीत को भारत में आवश्यक बना दिया |इसलिए भारत की एक स्वयं की राष्ट्रगीत अनिवार्य थी |जिसे बंकिमचन्द्र चटोपाध्यायने आरम्भ किया था |
डॉ कमला यादव ने कहा कि वंदेमातरम् पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा के साथ गाया जाता है और बाद में कांग्रेस के हर अधिवेशन में इसे गाया गया |1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में इसे भारी संख्या में गाया गया था |
डॉ योगेन्द्र सिंह ने कहा कि ब्रिटिश सरकार इसकी लोकप्रियता से घबरा गई थी और इस पर प्रतिबन्ध लगाने की सोच रही थी |
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण,कर्मचारीगण और छात्राएं उपस्थित रही |
