नव नालंदा महाविहार में सतर्कता सप्ताह के अवसर पर “मदर इंडिया” फिल्म का विशेष प्रदर्शन
नव नालंदा महाविहार, नालंदा में सतर्कता सप्ताह के अंतर्गत आज हिंदी की क्लासिक फिल्म “मदर इंडिया” का विशेष प्रदर्शन सत्तपर्णी सभागार, आचार्य नागार्जुन संकाय भवन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी विभाग के प्रोफेसर एवं सतर्कता अधिकारी प्रो. रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ ने किया।
फिल्म प्रदर्शन से पूर्व अपने संबोधन में प्रो. परिचय दास ने कहा कि “मदर इंडिया केवल एक फिल्म नहीं, नैतिकता, ईमानदारी, मातृत्व और दृढ़ संकल्प का शाश्वत दस्तावेज़ है। सतर्कता का अर्थ केवल भ्रष्टाचार विरोध तक सीमित नहीं है बल्कि चरित्र की दृढ़ता, मूल्यबोध और जीवन में नीतिपूर्ण विकल्प चुनने की निरंतर साधना है।” उन्होंने बताया कि भारतीय सिनेमा में यह फिल्म आदर्श, कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति उत्तरदायित्व व सतर्कता~ जागरूकता की उत्कृष्ट क्लासिक अभिव्यक्ति मानी जाती है।फिल्म प्रदर्शन के पूर्व वक्तव्य देते हुए प्रोफेसर विश्वजीत कुमार ने कहा कि “मदर इंडिया सामाजिक चेतना का एक स्तम्भ है जो हमें बताती है कि कठिन परिस्थितियों में नैतिक संकल्प कैसे राष्ट्र और समाज की बुनियाद को मजबूत बनाते हैं।” उन्होंने युवा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे कला और साहित्य से प्रेरणा लेकर नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में अपनाएँ व सांस्कृतिक रूप से सतर्क रहें। फिल्म भी सतर्कता का महत्त्वपूर्ण आधार है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रो. रूबी कुमारी, प्रो. हरेकृष्ण तिवारी, प्रो. चंद्र भूषण मिश्र, प्रो. श्रीकांत सिंह, डॉ. धम्म ज्योति, डॉ. बुद्ध देव भट्टाचार्य, डॉ. अनुराग शर्मा, डॉ. सोनम लामो, डॉ. भीष्म कुमार, विकास सिंह, सुश्री निकिता आनंद , सुश्री शिवानी जायसवाल सहित विश्वविद्यालय के अनेक शोधार्थी, एमए एवं बीए के छात्र-छात्राएं तथा फिल्म प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित दर्शकों ने कहा कि सतर्कता सप्ताह जैसे आयोजनों में इस प्रकार की प्रेरणादायक फिल्मों का प्रदर्शन युवा पीढ़ी को सामाजिक मूल्यों और उत्तरदायित्व की सार्थक दिशा प्रदान करता है।
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