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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 3 Nov 2025 6:52 PM |   22 views

जिलाधिकारी ने किया नौबस्ता मंडी समिति कार्यालय का औचक निरीक्षण,मंडी सचिव का वेतन रोका

कानपुर नगर-जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सोमवार को पूर्वाह्न 10:15 बजे कृषि उत्पादन मंडी समिति, नौबस्ता कार्यालय एवं परिसर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में गंभीर अव्यवस्थाएँ पाई गईं और कुल पाँच कार्मिक अनुपस्थित मिले।
 
इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मंडी सचिव का नवंबर माह का वेतन रोके जाने के आदेश दिए तथा सभी अनुपस्थित कार्मिकों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। 
 
निरीक्षण के दौरान उप निदेशक (निर्माण) मंडी समिति पंकज कुमार गुप्ता, मंडी सचिव विजिन बालियान तथा जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी विक्रम सिंह उपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका के अवलोकन में पाया कि पाँच लिपिकों में से चार रामचन्द्र पाण्डेय, प्रज्ञा दीक्षित, प्रियंका कटियार और अवंतिका सिंह अनुपस्थित थे, जबकि चार चपरासियों में से एक ऊषा अनुपस्थित पाई गईं। 
 
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालय और परिसर की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि अलमारियाँ अव्यवस्थित रूप से रखी हैं, दीवारों पर लगी मच्छर-जालियाँ टूटी हुई हैं तथा मंडी परिषद द्वारा खरीदे गए उपकरण परिसर में बिखरे पड़े हैं, जिनके खराब होने की आशंका है। जिलाधिकारी ने कहा कि मंडी सचिव द्वारा परिसर के रखरखाव और उपकरणों के उपयोग का समुचित पर्यवेक्षण नहीं किया जा रहा है। परिसर में अत्यधिक गंदगी और कूड़े का जमाव भी पाया गया, जिससे कार्यालय वातावरण अस्वच्छ बना हुआ है।
 
भवन की छत के निरीक्षण में जिलाधिकारी ने पाया कि छत पर पेड़-पौधे उगे हुए हैं और ड्रेनेज पाइप गंदगी से अवरुद्ध हैं, जिसके कारण कक्षों में सीपेज की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जलापूर्ति हेतु स्थापित पेयजल टंकियाँ बिना ढक्कन के खुली पाई गईं, जो संचारी रोग नियंत्रण मानकों के विपरीत है। जिलाधिकारी ने कहा कि संचारी रोग अभियान के बाद भी ऐसी स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक है।
 
उन्होंने निर्देश दिए कि मंडी सचिव तत्काल कार्यालय और परिसर की सफाई सुनिश्चित कराएँ, सभी अप्रयुक्त उपकरणों का निस्तारण कराएँ तथा कार्यालय की अलमारियों को व्यवस्थित करें। उन्होंने कहा कि उपेक्षा और निरीक्षण में कमी के कारण मंडी सचिव का नवंबर माह का वेतन अग्रिम आदेश तक रोका जाता है।
 
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि मंडी समिति में उप निदेशक (प्रशासन) और उप निदेशक (निर्माण) दोनों के कार्यालय होने के बावजूद पर्यवेक्षण का अभाव स्पष्ट दिखाई देता है। दोनों अधिकारियों को तीन दिवस में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। 
 
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कृषकों एवं व्यापारियों की सहायता हेतु कोई हेल्प डेस्क स्थापित नहीं है। जिलाधिकारी ने तत्काल निर्देश दिए कि मंडी सचिव किसानों और व्यापारियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना सुनिश्चित कराएँ।
 
उन्होंने कहा कि मंडी समिति किसानों और व्यापारियों की सेवा के लिए स्थापित की गई है, अतः इसका वातावरण स्वच्छ, सुव्यवस्थित और उत्तरदायी होना चाहिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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