बेमौसम वर्षा से फसलों पर प्रभाव
विगत तीन दिनों से लगातार हल्की वर्षा जारी है। अभी भी वर्षा होने की संम्भावना बनी है। सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. रवि प्रकाश मौर्य निदेशक प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी भाटपार रानी देवरिया ने बताया कि इस बेमौसम बरसात से पछैती धान की कटाई नही होने से हवा चलने के कारण फसलें गिर सकती है। कुछ किसानों की खेत में धान की फसल कटाई के बाद पड़ा है ,उसमें जमाव हो सकता है। मड़ाई के बाद धान को सुखाना आवश्यक होता है।
ऐसी स्थिति में न सूखने के कारण वह गर्म होकर खराब हो जायेगा। , उर्द, मूंग इस समय पक कर तैयार है ,उसके लिए तेज वर्षा नुकसानदेह है। सब्जियों में बैगन., टमाटर, मिर्च गोभी को गलने की संभावना बढेगी।
मूली ,गाजर, धनिया, मेथी आदि को हानि होगी। सरसों, मटर, चना की बुआई जहां हो चुका है ज्यादा वर्षा नुकसान दायक होगा। हल्की बारिश लाभदायक होगा। आलू, सरसों, चना, मटर की फसलें जहां नहीं बुआई की गयी है वहां लगातार वर्षा से बिलम्ब होगा।
गेहूँ की बुआई का अभी समय है, मौसम ठीक होने पर खेत तैयारी की जा सकती है। अत्यधिक वर्षा से सभी फसलों की क्षति हो सकती है, पौधों पर भी बीमारियाँ एवं कीटों का प्रकोप होने की संम्भावना हो जाती है।
किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि खेत से पानी निकालने की व्यवस्था सुनिश्चित करें , कटे हुए धान को ऊचे स्थान पर रखें ।
समय मिलते धान ही मड़ाई करें। जिस धान को मड़ाई के बाद सुखा नही पाये हो, उसे घर में ही फैला दें। फसलों म़े कीट वीमारियों का निरीक्षण करते रहे,यदि कही इनका असर दिखे तो समय से उनका प्रबंधन आवश्यक है।

