पुराने आलू को नया बनाने हेतु हानिकारक रसायन/अम्ल एवं रंगीन मिटटी का प्रयोग पाए जाने पर होगी विधिक कार्यवाही
लखनऊ: प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ0 रोशन जैकब ने बताया कि विभिन्न जनपदों से प्राप्त सूचनाओं एवं निरीक्षण के क्रम में यह तथ्य प्रकाश में आया कि पुराने आलू को नया आलू बनाकर विक्रय हेतु हानिकारक रसायन, अम्ल/लाल रंग, मिट्टी आदि का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कृत्य से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसी के दृष्टिगत 28 सितम्बर, 2025 को सम्पूर्ण प्रदेश में विशेष प्रवर्तन अभियान संचालित किया गया, जिसके अंतर्गत सभी जनपदों में छापेमारी एवं प्रवर्तन की कार्यवाही की गई।
डा0 जैकब ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पुरानी आलू को कृत्रिम ढंग से नया आलू बनाकर बिक्री किये जाने के विभिन्न गतिविधियों पर रोकथाम के लिए जनपदों में स्थित आलू भण्डारण केन्द्र, कोल्ड स्टोरेज तथा आलू मंडी का निरीक्षण एवं प्रभावी प्रवर्तन कराने की कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने 27 सितम्बर, 2025 को समस्त जिलाधिकारियों को भेजे हुए पत्र में कहा है कि विभिन्न माध्यमों से यह सूचना प्राप्त हो रही है कि पुराने आलू को हानिकारक रसायन/एसिड का प्रयोग कर आलू के छिलके को पतला कर उन्हें पुनः लाल रंग मिली मिट्टी से रगड़ कर नया आलू बनाकर बेचा जा रहा है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने जनपद में स्थापित समस्त कोल्ड स्टोरेज तथा आलू मंडी प्रमुख बाजारों में टीम गठित करते हुए जांच कराये एवं इस प्रकार की घटना की जानकारी होने पर उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही तथा जब्तीकरण/नष्टीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

आयुक्त ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा उपभोक्ताओं के हित में यह सन्देश जारी किया जाता है कि पुराने आलू को नया बनाने हेतु हानिकारक रसायन/अम्ल, एवं रंगीन मिटटी अपमिश्रक का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। विभाग ने इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले विक्रेताओं तथा व्यक्तियों एवं प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
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