आधुनिक शिक्षा से मैकाले के प्रभाव को हटाता भारतीय शिक्षा बोर्ड

भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना केंद्र सरकार ने इस उद्देश्य से की है कि भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ समन्वित कर विद्यार्थियों को एक ऐसी समग्र शिक्षा प्रदान की जा सके, जो केवल नौकरी तक सीमित न रहे, बल्कि उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करे। इस बोर्ड के पाठ्यक्रम निर्माण में देश के अग्रणी शिक्षाविदों, मनीषियों एवं नीति-निर्माताओं ने सहभागिता की है।
यह बोर्ड राष्ट्रीय स्तर पर नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप शिक्षा में भारतीय दर्शन, मूल्य एवं परंपराओं का समावेश कर एक वैचारिक क्रांति लाने के लिए संकल्पित है। केंद्र सरकार द्वारा इसके संचालन का दायित्व पतंजलि योगपीठ को प्रदान किया गया है।


भारतीय शिक्षा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक विंग कमांडर (से.नि.) पुष्कल विजय द्विवेदी ने कहा—“आज की शिक्षा व्यवस्था बच्चों को सफल व्यवसायी या पेशेवर तो बना रही है, परन्तु माता-पिता अपने बच्चों को खो भी रहे हैं क्योंकि वर्तमान प्रणाली केवल भौतिक जानकारी देती है, व्यक्तित्व का समग्र विकास नहीं कर पाती। भारतीय शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों का बहुआयामी विकास कर उन्हें न केवल करियर में सफल बना रहा है, बल्कि उनके भीतर मानवीय गुणों का संचार कर एक सशक्त एवं संवेदनशील नागरिक का निर्माण कर रहा है। विशेष रूप से, इस बोर्ड में पहली बार ‘Self Defence Science’ (आत्मरक्षा विज्ञान) को एक विषय के रूप में शामिल किया गया है, जिससे भारतीयों की शस्त्र-शिक्षा की पारंपरिक माँग तथा अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की आवश्यकता — दोनों की पूर्ति हो रही है।”
जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) कानपुर, संतोष रॉय ने अपने संबोधन में कहा—“शिक्षा किसी भी देश का भविष्य निर्धारित करती है। केंद्र एवं प्रदेश सरकारें शिक्षा के सुधार और प्रसार के लिए अत्यंत गंभीर हैं और इसमें सभी नागरिकों को सहयोग करना चाहिए। विशेष रूप से, यहाँ उपस्थित सभी शिक्षाविदों, प्रधानाचार्यों एवं विद्यालय प्रबंधकों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे शिक्षा में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे प्रत्येक कदम का पूरे जोश और निष्ठा से समर्थन करें।”

सभी शिक्षाविदों और अतिथियों ने भारतीय शिक्षा बोर्ड की इस पहल को भारतीय शिक्षा व्यवस्था में “पहले आधुनिक पुनर्जागरण की दिशा में मील का पत्थर” बताया और इसके माध्यम से नई पीढ़ी के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य करने का संकल्प दोहराया।
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