सब्ज़ियाँ किस आधार पर तोड़ी जाती है?

सब्ज़ी तुड़ाई का सही समय विशेष जानकारी
पालक 25-30 दिन में, पत्तियाँ पूरी फैलने पर अधिक देर से तोड़ने पर पत्तियाँ सख्त हो जाती हैं
मेथी 30-35 दिन पर, कोमल पत्तियाँ होने पर छोटे पौधे जड़ से उखाड़े जा सकते हैं
हरा धनिया 6–8 इंच लम्बा पौधा, फूल से पहले देर से काटने पर स्वाद में कटुता आती है
सोआ साग (सुआ) 30-35 दिन में कोमल पत्तियाँ फूल आने से पहले ही तोड़ना ज़रूरी


अवस्था रंग उपयोग
ग्रीन पूरी तरह हरा बीज उत्पादन
ब्रेकर नीचे से हल्का गुलाबी दूर के बाज़ार
टर्निंग आधा लाल-आधा हरा प्रोसेसिंग (सॉस आदि)
पिंक लगभग पूरा गुलाबी पास का बाजार
रेड राइप गहरा लाल और नरम तत्काल उपयोग

हरी मिर्च: पूरी तरह हरी और चमकदार होने पर तोड़ें (30-40 दिन)।
लाल मिर्च: जब पूरी तरह लाल और सूखने लगे, बीज परिपक्व हो।

जब फल हल्के हरे रंग का और 6–8 इंच लम्बा हो।
बीज सख्त होने से पहले ही तुड़ाई करें।
अत्यधिक पकने पर कड़वाहट बढ़ जाती है।

सब्ज़ी तुड़ाई समय उपयोग
लौकी 10–15 इंच लंबी, कोमल अवस्था सब्ज़ी
तोरी मुलायम, 6–8 इंच पर सब्ज़ी
करेला पूरी लंबाई परंतु बीज नरम हों अधिक पके करेलों का स्वाद बहुत कड़वा होता है

फल पहचान तुड़ाई समय
तरबूज तला पीला, बेल सूखी, खोखली आवाज पूरी पकने पर
खरबूजा खुशबू आने लगे, डंठल पर दरारें पूरी पकने पर
3. मसाला और जड़वाली फसलें
फसल तुड़ाई समय विशेष जानकारी
अदरक 8–9 महीने बाद जब पत्तियाँ पीली होने लगें कच्चे उपयोग के लिए पहले भी निकाला जा सकता है
लहसुन (हरी) जब हरा पत्ता तैयार हो, 60-70 दिन में सलाद व सब्ज़ी में उपयोग
लहसुन (सूखा) जब 50-60% पत्ते सूखें धूप में सुखाकर भंडारण किया जाता है
प्याज़ (हरी) 45-60 दिन में जब कंद दिखने लगे तुरंत उपयोग
प्याज़ (सूखा) जब पत्तियाँ झुकने और सूखने लगें भंडारण योग्य तभी होता है
अरबी 100–120 दिन में जब पत्तियाँ पीली हो जाएँ अधिक समय तक भूमि में रखें तो कंद सख्त हो सकते हैं
जिमीकंद (सूरन) 7–8 महीने बाद जब पत्तियाँ सूख जाएँ मिट्टी से सावधानी से निकाला जाए
मूली 40–50 दिन में, जब जड़ 6-8 इंच की हो देर से निकालने पर सख्त और रेशा युक्त हो जाती है
गाजर 60–70 दिन में, जब जड़ पूरी बढ़ जाए नमी में रखा जाए तो ताज़ा रहता है
4. फल देने वाली लंबी बेलवाली/डंठल वाली फसलें
फसल तुड़ाई समय कच्चा/पका उपयोग
कटहल
कच्चा: जब फल पूरा बड़ा हो लेकिन बीज मुलायम होंसब्ज़ी, उत्तर भारत में
पका: जब खुशबू आए और छिलका थोड़ा नरम होफल के रूप में, दक्षिण भारत में
कद्दू –
कच्चा: 50-60 दिन, कोमल अवस्था | सब्ज़ी
पका: 90-110 दिन, गहरा रंग | मिठाई, भंडारण
सहजन
कच्चा: 1.5–2 फीट लंबा, जब बीज सख्त न हों | सब्ज़ी– बीज पका हुआ: आयुर्वेदिक या बीज उत्पादन हेतु
लोबिया व फ्रेंच बीन्स
कच्चा: जब फली कोमल हो और बीज आकार न लें | सब्ज़ी
पका: जब बीज पूरी तरह भर जाएँ | दाल/बीज उपयोग
निष्कर्ष:
सब्ज़ियों की तुड़ाई यदि सही समय पर की जाए —
उनके उपयोग के अनुसार (बीज, फल, सब्ज़ी, प्रोसेसिंग),
क्षेत्रीय खाने की आदत के अनुसार (कच्चा/पका उपयोग),
और बाजार की दूरी को ध्यान में रखते हुए —
तो गुणवत्ता, स्वाद, बिक्री और भंडारण चारों दृष्टियों से लाभ अधिक होता है।
1. साफ-सफाई का ध्यान रखें
सब्ज़ियों को जोड़ने से पहले हल्के हाथों से साफ करें (जहाँ उपयुक्त हो)। जोड़ने का स्थान, टोकरी, कपड़ा और अन्य उपकरण स्वच्छ होने चाहिए। गंदगी से रोग और सड़न का खतरा बढ़ता है।
2. ग्रेडिंग (वर्गीकरण) सावधानी से करें| एक जैसे आकार, रंग, ताजगी और गुणवत्ता वाली सब्ज़ियों को एक साथ रखें।
कीड़े लगे, कटे-फटे, या बहुत पकी/कच्ची सब्ज़ियों को अलग कर दें। इससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और ग्राहक संतुष्ट रहता है।
3. बंडलिंग/पैकिंग करते समय ध्यान रखें|हरी सब्ज़ियों को हल्के हाथों से बाँधें – बहुत कसने से मुरझा सकती हैं। डंठल नीचे और पत्तियाँ ऊपर रखें (जैसे पालक, धनिया आदि)। ठोस सब्ज़ियों (जैसे बैंगन, टमाटर) को दबाव से बचाएँ।
4. छायादार और ठंडी जगह में काम करें|सब्ज़ियाँ जोड़ने का कार्य सीधे धूप में न करें।गर्मी से सब्ज़ियों की ताजगी और पोषण घटता है।
5. समय का ध्यान रखें|तुड़ाई के बाद जितनी जल्दी जोड़ें और पैक करें, उतना अच्छा।देर करने पर सब्ज़ियाँ मुरझा सकती हैं या खराब हो सकती हैं।
6. पैकिंग सामग्री का चुनाव सोच-समझ कर करें|हवादार टोकरी, बांस की टोकरी, क्रेट्स या जूट की बोरियों का उपयोग करें।प्लास्टिक की थैलियों में नमी बंद हो सकती है, जिससे सड़न होती है।
7. परिवहन के लिए तैयार करते समय सावधानी रखें|भारी बंडलों को ऊपर न रखें, हल्के और कोमल सब्ज़ियाँ नीचे दब सकती हैं। बाजार जाने के समय झटकों और दबाव से बचाएँ।
:- डॉ. शुभम कुम़ार कुलश्रेष्ठ, विभागाध्यक्ष -उद्यान विभाग,(कृषि संकाय) रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, ऱायसेन, मध्य प्रदेश|
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