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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 24 Mar 2025 7:31 PM |   126 views

“पहला मंजर” आम के जीवनचक्र का पहला महत्वपूर्ण पड़ाव

आम (Mangifera indica) भारत का एक महत्वपूर्ण फलदार वृक्ष है, जिसे “फलों का राजा” कहा जाता है। यह देश की जलवायु के लिए उपयुक्त है और इसकी खेती व्यापक रूप से की जाती है। आम के उत्पादन में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक पहले मंजर (फूलों के गुच्छे) का आना है, क्योंकि इससे फलन की शुरुआत होती है। इस लेख में, हम आम के पेड़ में पहले मंजर के समय, पेड़ की उम्र, प्रभावित करने वाले कारकों, और इसके प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
 
आम के पेड़ में पहला मंजर आने की उम्र-
 
आम के पेड़ में फूल आने की प्रक्रिया कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें जलवायु, मिट्टी, किस्म, और प्रबंधन तकनीकें शामिल हैं। आमतौर पर, आम के पेड़ में पहला मंजर 3 से 5 वर्ष की उम्र में आता है।
 
गुणवत्ता युक्त पौधा (गुटी या ग्राफ्टेड)-
 
आम के बीज से उगाए गए पौधे (सीडिंग प्लांट) अधिक समय लेते हैं और उनमें पहला मंजर 6 से 8 वर्ष में आता है।
 
जबकि ग्राफ्टेड पौधे (कलमी पौधे) जल्दी फलते हैं और उनमें पहला मंजर 3 से 4 वर्ष में आ सकता है।
 
किस्म का प्रभाव-
 
विभिन्न आम की किस्मों में फूल और फल आने की समयावधि अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, आम्रपाली’ और ‘दशहरी’ जैसी बौनी किस्में जल्दी मंजर देती हैं, जबकि ‘लंगड़ा’ और ‘चौसा’ किस्में अपेक्षाकृत अधिक समय ले सकती हैं।
 
जलवायु और भौगोलिक स्थान
 
गर्म और शुष्क जलवायु में आम के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और जल्दी फलन में आते हैं।
 
ठंडे क्षेत्रों में आम की वृद्धि धीमी होती है और पहले मंजर आने में अधिक समय लग सकता है।
 
नाइट्रोजन की अत्यधिक मात्रा से अधिक पत्तियों की वृद्धि होती है, जिससे फूल आने में देरी हो सकती है।
 
सिंचाई एवं जल प्रबंधन
 
बहुत अधिक सिंचाई से पेड़ केवल पत्तों पर ध्यान देता है और फूल कम आते हैं।
 
सूखे की स्थिति में भी फूलों की संख्या कम हो सकती है।
 
छंटाई एवं देखभाल
 
सही समय पर छंटाई (प्रूनिंग) करने से पेड़ का आकार अच्छा रहता है और मंजर जल्दी आ सकते हैं।
 
सूखी और अवांछनीय शाखाओं को हटा देने से फूल बनने की प्रक्रिया में मदद मिलती है।
 
आम के पेड़ में मंजर आने की प्रक्रिया
 
आम के वृक्ष में मंजर आने की प्रक्रिया कई चरणों में होती है:
 
अंकुरण और वृद्धि (Seedling Stage)
 
यदि पेड़ बीज से उगाया गया है, तो पहले 2-3 वर्षों तक केवल शाकीय वृद्धि (Vegetative Growth) होती है।
 
ग्राफ्टेड पौधों में यह समय कम होता है और वे तेजी से बढ़ते हैं।
 
शाखाओं का विकास (Canopy Development)
 
इस चरण में पेड़ की शाखाएँ फैलती हैं और एक मजबूत संरचना बनती है।
 
सही पोषण प्रबंधन और छंटाई से इस प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है।
 
पहले मंजर की उत्पत्ति (Floral Induction)
 
जब पेड़ 3 से 5 साल का हो जाता है, तो मौसम के अनुसार पहले मंजर आना शुरू होता है।
 
ठंडी रातें और गर्म दिन मंजर बनने की प्रक्रिया को प्रेरित करते हैं।
 
सामान्यतः दिसंबर से जनवरी के बीच मंजर दिखना शुरू हो जाता है और फरवरी-मार्च तक पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है।
 
फूलों का विकास (Flowering Stage)
 
मंजर में छोटे-छोटे फूल होते हैं, जिनमें नर और उभयलिंगी फूल पाए जाते हैं।
 
परागण (Pollination) और निषेचन (Fertilization) के बाद कुछ फूल फल में परिवर्तित होते हैं।
 
फल बनने की प्रक्रिया (Fruit Set & Development)
 
सफल परागण के बाद फल बनने लगते हैं और वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं।
 
पहले साल में फूलों का झड़ना सामान्य है, लेकिन उचित पोषण और देखभाल से अच्छा उत्पादन संभव है।
 
पहले मंजर को प्रभावित करने वाले कारक और समाधान
 
नाइट्रोजन की अधिकता – पत्तों की अधिक वृद्धि होती है, जिससे मंजर आने में देरी हो सकती है।
समाधान: संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें और पोटाश की मात्रा बढ़ाएँ।
 
अनुपयुक्त जलवायु – यदि तापमान बहुत कम या अधिक हो, तो मंजर बनने में बाधा आती है।
समाधान: सिंचाई और छायांकन तकनीकों का उपयोग करें।
 
गलत छंटाई – यदि शाखाओं को गलत तरीके से काटा जाए, तो मंजर आने में देरी हो सकती है।
समाधान: समय पर हल्की छंटाई करें और सूखी शाखाओं को हटा दें।
 
रोग एवं कीटों का प्रभाव – पाउडरी मिल्ड्यू, एंथ्रेक्नोज जैसी बीमारियाँ मंजर को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
 
समाधान: जैविक और रासायनिक नियंत्रण उपाय अपनाएँ।
 
सारांश
 
आम के पेड़ में पहला मंजर आना उसकी जीवन यात्रा का एक महत्वपूर्ण चरण है। ग्राफ्टेड पौधे आमतौर पर 3-4 साल में मंजर देना शुरू कर देते हैं, जबकि बीज से उगाए गए पौधों में यह प्रक्रिया 6-8 साल तक लग सकती है। आम की किस्म, जलवायु, पोषण, सिंचाई और प्रबंधन रणनीतियाँ पहले मंजर के समय को प्रभावित कर सकती हैं।
 
समय पर उचित देखभाल, खाद-पानी का संतुलन, और रोगों से बचाव करके पहले मंजर की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाया जा सकता है। इससे न केवल फलन प्रारंभ होता है बल्कि दीर्घकालिक उत्पादन क्षमता भी बेहतर होती है। इस प्रकार, आम के उत्पादन को अधिक लाभदायक बनाने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
 
— श्रुति सिंह ,कृषि विज्ञानं केंद्र ,कुशीनगर |
 
 
 
 
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