मैं बिहार हूं
जन्म हुआ था मेरा
22 माच 1912 को,
तब से लेकर आज तक
मैं मेहनत का आधार हूं ।
हां जी हां मैं बिहार हूं ।
मेरी पहचान है धोती कुर्ता
और साड़ी मेरी शान है,
सिर पे पाग और पगड़ी मेरी
ये अनोखी पहचान है ।
हां जी हां, मैं बिहार हूं।
संस्कारों से बंधे हम रहते
और मिट्टी से जुड़कर रहते,
लिट्टी – चोखा , अचार सत्तू
खाते हम हैं शान से ।
हां जी हां , मैं बिहार हूं ।
मां जानकी का हूं मायका
श्रीराम प्रभु का ससुराल हूं,
हूं निर्वाण महावीर का मैं
और बुद्ध का अवतार हूं ।
हां जी हां , मैं बिहार हूं ।
मिथिला का मैं प्रसिद्ध पेंटिंग
मां गंगा का श्रृंगार हूं,
वर्मा का मैं हूं बलुशाही
‘गया’ का सुप्रसिद्ध घीबर हूं ।
जी हां जी, मैं बिहार हं ।
विक्रमशिला मैं हूं शिक्षा का
दिनकर का शब्दधार हूं,
विद्यापति का हूं मैं गायन
गंगा की कल-कल धार हूं ।
जी हां जी , मैं बिहार हूं।
कर्मठता के बल पर हरदम
आगे बढ़ने को तैयार रहूं,
नहीं किसी से द्वेष हूं रखता
मानवता का सूत्रधार हूं ।
जी हां जी , मैं बिहार हूं ।
डॉ० संजुला सिंह “संजू”
जमशेदपुर (झारखंड )