भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाना हम सबका दायित्व है- नरसिंह

संगोष्ठी की अध्यक्षता इंजीनियर रामनरेश सिंह ने किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर रामनरेश सिंह ने कहा कि भोजपुरी माटी सोना ऊपजाती है| यहां की मातृभाषा भोजपुरी समृद्ध भाषा है, संस्कृति महान है इसको हम लोगों को समझने और समझाने की जरूरत है। मातृभाषा भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए।
भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के महामंत्री रमेश तिवारी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में सभी भोजपुरी भाई बहनों से विनम्रता पूर्वक अपील करते हुए कहा कि हम सभी लोगों को एक साथ मिल-जुल कर रहना चाहिए।अपनी मातृभाषा भोजपुरी और संस्कृति के सम्मान के लिए चलाए जा रहे नवजागरण अभियान में तन मन धन से साथ देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैप्टन वीरेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि भोजपुरी क्षेत्र महान वीरों, साहित्यकारों एवं ऋषि- मुनियों का क्षेत्र है ।हमारी संस्कृति दुनिया को शिक्षित करने में सक्षम है, परंतु आज हम ही लोग इसकी गरिमा को घटाने में लगे हुए हैं, हम लोगों को वैसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे हमारी भाषा और संस्कृति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो।
भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के अध्यक्ष नरसिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाना हमारे नवजागरण अभियान की प्रथम प्राथमिकता है, भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा का प्रश्न भोजपुरी के पहचान और अस्मिता से जुड़ा हुआ है। हम लोगों को एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाना चाहिए।
संगोष्ठी का संचालन करते हुए प्रो. रविंद्र यादव भोजपुरिया ने कहा कि भोजपुरी साहित्य और कला में अश्लीलता करने वालों का खुलकर विरोध होना चाहिए।अश्लील भोजपुरी चित्र और गाना भोजपुरी के लिए कलंक है।
विशिष्ट अतिथि अवध बिहारी मिश्रा प्रभात ने कहा कि हम सभी लोग इस अभियान में तन मन, धन से जुट जाय। छपरा जिला में इस अभियान को हम तेज करेंगे और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ेंगे। अपनी मातृभाषा भोजपुरी और संस्कृति को समृद्ध बनाना हम सभी भोजपुरिया भाई बहनों का सामाजिक धर्म है।
संगोष्ठी को प्रोफेसर रविंद्र सिंह रवि, सदानंद पांडे, काशीनाथ सिंह, डॉ अनूप कुमार सिंह ने संबोधित किया।
संगोष्ठी में हरेंद्र तिवारी, गोरख प्रसाद, मदन मोहन द्विवेदी, मदन भारती, विद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे |
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