पहला महाकुंभ जिसमें नेविगेशन के लिए अस्थायी टेंट सिटी गूगल मैप्स पर दिखाई देगी
प्रयागराज-गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी के संगम तट पर 13 जनवरी 2025 में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक मेले का आयोजन होने जा रहा है।संगम नगरी सांस्कृतिक जश्न का केंद्र बनने जा रही है। महाकुंभ पूरे 45 दिन का होगा,जो 14 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। 2012 में हुए महाकुंभ से इस बार महाकुंभ लगभग तीन गुना बड़ा होने वाला है।महाकुंभ की तैयारी जोर-शोर से चल रही हैं।योगी सरकार ने 15 से ज्यादा विभागों को तैयारी के प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी सौंपी है।तैयारी में 500 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पूरा करने का टारगेट रखा गया है।
लगभग 45 करोड़ श्रृद्धालुओं के आने का अनुमान-
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के मुताबिक 4,000 हेक्टेयर में हो रहे महाकुंभ में लगभग 40-45 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।इस आयोजन का अनुमानित बजट लगभग 6,382 करोड़ रुपये है,जिसमें से 5,600 करोड़ रुपये से ज्यादा पहले ही आयोजन और संबंधित परियोजनाओं के लिए अलग रखे जा चुके हैं।सपा सरकार में 2012 में हुए कार्यक्रम बजट 1,152 करोड़ रुपये था, जिसमें लगभग 12 करोड़ लोग शामिल हुए थे।
महाकुंभ के लिए जोरदार तैयारी-
उत्तर प्रदेश जल निगम मेला क्षेत्रों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए 1,249 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाएगा। इसके अलावा 200 वाटर एटीएम और 85 वाटर पंप लगाया जाएगा।राज्य सड़क विभाग प्रयागराज से जुड़ने वाले तमाम राजमार्गों पर 7,000 बसें चलाई जाएंगी।
प्रयागराज से मेले वाली जगह तक लगभग 550 शटल बसें भी चलाई जाएंगी। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने 15 लाख वर्ग फीट में फैली सार्वजनिक दीवारों और इमारतों पर चित्र बनाने के लिए आठ अलग-अलग एजेंसियों को हायर किया है।प्रयागराज एयरपोर्ट का नवीनीकरण एक नए टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण और विमानों के पार्क होने वाले एप्रन एरिया का विस्तार करके किया जाना है।
इंडियन रेलवे भी अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गया है।ट्रेन सफर को और ज्यादा बेहतर बनाने के मकसद से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रयागराज रेलवे डिवीजन प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर होने वाले ऐलानों को कई भाषाओं मे शुरू करने जा रहा है।इससे पूरे हिंदुस्तान से आने वाले अलग-अलग भाषाओं वाले यात्रियों को अपनी मातृभाषा में ट्रेन से संबंधित जानकारी मिलेगी,जिससे उनका सफर का एक्सपीरिएंस बेहतर होगा और जानकारी समझ में आएगी।
रोजगार और टूरिज्म-
करोड़ों लोगों के इस मेले में लगभग 45,000 से अधिक परिवारों को रोजगार मिलेगा।इसके अलावा इससे न केवल प्रयागराज बल्कि बनारस,अयोध्या,मथुरा और विंध्यवासिनी धाम में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि इन स्थानों पर सुविधाओं और सुरक्षा उपायों की लगातार समीक्षा की जाए और उन्हें बेहतर बनाया जाए, जिससे राज्य को इस आयोजन से फायदा मिल सके और श्रद्धालु अच्छा एक्सपीरिएंस लेकर जा सकें।समीक्षा बैठक में सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि महाकुंभ सूबे के लिए एक बड़ा मौका है।
श्रृद्धालुओ को बेहतर सुविधाओं हेतु सर्विस प्रोवाइडर्स को ट्रेनिंग-
राज्य पर्यटन विभाग मौजूदा समय में कई सर्विस प्रोवाइडर्स को ट्रेनिंग दे रहा है,जिसमें टूर गाइड,नाविक,स्ट्रीट वेंडर और ड्राइवर शामिल हैं।इनकी सेवाएं महाकुंभ के दौरान दी जाएंगी। ट्रेनिंग लखनऊ के मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन एजेंसी और प्रयागराज में चल रही है।यह यूपी की 2022 की पर्यटन नीति द्वारा पर्यटन को दिए गए प्रोत्साहन का हिस्सा है।नीति का उद्देश्य 10 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराना और इस क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करना है।
लोकल मैपिंग के लिए गूगल के साथ समझौता-
यह पहला महाकुंभ होगा,जिसमें नेविगेशन के लिए अस्थायी टेंट सिटी गूगल मैप्स पर दिखाई देगी।हाल ही में गूगल के प्रतिनिधियों और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
-संजुला सिंह