Friday 3rd of May 2024 09:12:34 AM

Breaking News
  • मुलायम के गढ़ में योगी का रोड शो , बुलडोजर पर खड़े होकर लोगो ने किया स्वागत , बोले -निस बार इतिहास रचेगा |
  • ममता बनर्जी को पहले से ही थी शिक्षक भर्ती घोटाले की जानकारी , TMC के पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने किया बड़ा दावा |  
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 14 Apr 2024 5:12 PM |   58 views

यरुशलम में अफरा-तफरी, निवासियों ने बंकरों में ली शरण

रविवार को ईरान ने इजराइल पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया, जिसके बाद यरुशलम में अफरा-तफरी मच गई, निवासी हमले से बचने के लिए छुपते हुए नजर आए|  हमले के दौरान पूरे शहर में विस्फोट हुए. इस दौरान निवासियों ने बंकरों में शरण ली|

यरुशलम के पड़ोस के इलाके ममिला के एक किराने की दुकान के मालिक एलियाहू बराकत ने बताया कि सारी दुकानें, सब जगह खाली है, सब अपने घर की तरफ भाग रहे हैं| बराकत ने कहा कि कई लोग उनकी दुकान पर पानी, खाना, सब कुछ खरीदने के लिए आए, जिसको वो स्टॉक कर के रख सकें| उन्होंने कहा कि आम तौर पर हम एक बजे तक दुकान बंद कर देते है लेकिन आज हम दुकान खोले रखेंगे|

इजरायली सेना के एक अधिकारी ने कहा कि ईरान ने इजराइल पर ड्रोन से 100 से ज्यादा हमले किए हैं और साथ ही यह भी कहा गया कि और भी हमले आगे हो सकते हैं| सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने लोगों को आश्रय लेने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी|

हगारी ने कहा कि मैं आपको याद दिलाता हूं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि खतरा कहां से शुरू हुआ है, जब अलार्म बजता है तो आपको आश्रय में प्रवेश करना चाहिए और वहां कम से कम 10 मिनट तक इंतजार करना चाहिए|

52 साल के डेंटिस्ट माइकल उजान ने कहा कि उनका पूरा परिवार एक ही जगह इकट्ठा हो गया था. साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन किया, खराब न होने वाला खाना खरीदा और अपार्टमेंट बिल्डिंग के बंकर में जाने के लिए भी तैयार थे|

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में रोजमर्रा की जिंदगी इस जंग से बाधित होगी. उजान ने बताया कि कल कोई काम नहीं हुआ, सब कुछ रद्द कर दिया गया है, बच्चों के लिए , स्कूल बंद हैं| उन्होंने बताया कि मेरी एक बेटी है जिसे कल एक जरूरी परीक्षा देनी थी, लेकिन सब कुछ रद्द कर दिया गया|

उत्तरी इजराइल के निवासी भी हमलों के लिए तैयार थे, 52 साल की समर खलील ने मजद अल-क्रुम के गलील गांव से बात करते हुए बताया कि मैं युद्ध से डरती हूं| अगर मैं सायरन सुनता हूं, तो मुझे समझ नहीं आता क्या करें, हम लेबनानी सीमा के पास रहते हैं|

उन्होंने बताया कि मैंने पानी की 30 बोतलें खरीदीं, वो लगभग आखिरी बोतलें थीं, दुकान में दूध भी नहीं था|

 
 
 
 
Facebook Comments