गेहूं में खरपतवार एवं आलू में झुलसा से रोकथाम हेतु किसान भाई करें ये उपाय
कुशीनगर -जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ0 मेनका ने अवगत कराया है कि वर्तमान समय में गेहूं की फसल अपनी ताजमूल अवस्था को प्राप्त कर चुकी है, तथा फसल में प्रथम सिंचाई की जा चुकी है।
सभी कृषक भाइयों को अवगत कराया जाता है कि इस समय गेहूं में खरपतवार नियंत्रण का विशेष ध्यान रखें। गेंहू की फसल में निम्नलिखित खरपतवार का प्रकोप रहता है।
1- सकरी पत्ती :- गेहूंसा एवं जंगली जई ।
2- चौड़ी पत्ती :– बथुआ, कृष्णनील, अकरा-अकरी, सत्यानाशी, जंगली गाजर, प्याजी आदि ।
नियंत्रण के उपाय:-
(1)- गेहूंसा एवं जंगली जई के नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रति० डब्लू०पी० की 33 ग्राम प्रति हेक्टेयर मात्रा का लगभग 500-600 लीटर पानी में घोलकर बुआई के 20-25 दिन बाद फ्लैटफैन नाजिल से छिड़काव करे |
(2)- चौड़ी पत्ती के खरपतवार के नियंत्रण हेतु 2,4,डी० सोडियम साल्ट 80 प्रति० डब्लू०पी० की 625 ग्राम प्रति हेक्टेयर मात्रा का लगभग 500-600 लीटर पानी में घोलकर बुआई के 20-25 दिन बाद फ्लैटफैन नाजिल से छिड़काव करना चाहिए ।
फसल आलू के संबंध में उन्होंने बताया कि आलू में इस समय पछेती झुलसा आने की सम्भावना है, अतः कृषक भाइयों को सलाह दी जाती कि जिनेब 75 प्रतिशत (जेड-78) अथवा कॉपर आक्सीक्लारोइड 50 प्रतिशत की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर 6-7 दिन के अन्तराल पर 2-3 छिड़काव करें ।
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