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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 11 Dec 2023 6:23 PM |   101 views

चन्द्रिका देवी मंदिर के समीप उत्तर प्रदेश संस्कृति संग्रहालय की स्थापना होगी-मुकेश मेश्राम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरब से पश्चिम तक विभिन्न सांस्कृतिक विविधताओं से भरा हुआ है। यहां पर धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक विरासत के चिन्ह हर जगह पाये जाते हैं।

इनको संरक्षित एवं परिरक्षित करके भावी पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि इन सभी धरोहरों का अभिलेखीकरण करके शोधार्थियों एवं जिज्ञासुओं तक पहुंचाने तथा प्राचीन विरासत को संरक्षित रखने के लिए आज एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है।

पर्यटन मंत्री आज यहां पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं नेशनल ट्रस्ट फार प्रमोशन आफ नॉलेज लखनऊ के मध्य किये गये एक एमओयू के निष्पादन के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे।  इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक  विजय कुमार भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि इस एमओयू से संस्कृति विभाग के अधीनस्थ संचालित संग्रहालयों, पुरातत्व तथा अभिलेखागारों में संकलित धरोहरों के संरक्षण, 3 डी मैपिंग, शोध कार्यों, अभिलेखीकरण तथा उससे जुड़ी जानकारी के प्रकाशन का कार्य नेशनल ट्रस्ट फार प्रमोशन आफ नालेज लखनऊ के विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा।

जयवीर सिंह ने कहा कि यूपी की विरासत इस एमओयू के माध्यम से आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही इसके बहुआयामी, महत्वाकांक्षी सोच तथा आधुनिक तकनीकी का लाभ आम जनता को भी प्राप्त होगा। एमओयू से दोनों संस्थानों के लोग अपने अनुभव को साझा करते हुए सांस्कृतिक विविधता की धारा को आगे बढ़ायेंगे तथा इसके उद्देश्य को धरातल पर उतारने का काम करेंगे। उन्होंने एमओयू निष्पादन के लिए नेशनल ट्रस्ट फार प्रमोशन आफ नालेज तथा संस्कृति विभाग के अधिकारियों को बधाई दी।

पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश  विजय कुमार ने कहा कि सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक महत्व के धरोहरों को संरक्षित करने का कार्य भावी पीढ़ी के लिए बहुत उपयोगी होगा। इससे आम जन मानस को भी लाभ  पहुंचेगा। उन्होंने एमओयू के लिए दोनों संस्थाओं को सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा धमार्थ कार्य  मुकेश कुमार मेश्राम ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश में पुरातात्विक महत्व के प्राचीन मन्दिर जो अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके हैं उनको संस्कृति विभाग चिन्हित करके संरक्षित कर रहा है।

इस बहुमूल्य विरासत को बचाये रखना जरूरी है क्योंकि इनका इतिहास में अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दोनों संस्थान आपस में समन्वय करके प्राचीन स्थलों को संरक्षित करेंगे तथा देश और दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईसा पूर्व एवं इसके बाद के प्राचीन स्थल मौजूद हैं। इसके अलावा अयोध्या के आस-पास ऐसे कई ऐतिहासिक गांव हैं जिनका बहुत पुराना इतिहास है और उनके चिन्ह आज भी मिलते हैं। यह सब हमारे गौरवशाली इतिहास तथा प्राचीन धरोहरों के चिन्ह हैं।

प्रमुख सचिव ने कहा कि गंवई, शहरी तथा नगरीय संस्कृति की विभिन्न विविधताओं को प्रदर्शित करने के लिए बी0के0टी0 के चन्द्रिका देवी मंदिर के समीप एक उत्तर प्रदेश संस्कृति संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा, जिसमें प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जायेगा।

इस अवसर पर पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह, संस्कृति निदेशालय की निदेशक श्रृष्टि धवन तथा निदेशक पुरातत्व रेनू द्विवेदी तथा संस्कृति विभाग और नेशनल ट्रस्ट फार प्रमोशन आफ नालेज लखनऊ केे पदाधिकारी मौजूद थे।

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