सूचना समय सीमा के भीतर देना अनिवार्य- राज्य सूचना आयुक्त
देवरिया-राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में सूचना के अधिकार के संबंध में समस्त कार्यालयों के जन सूचना अधिकारियों के साथ बैठक की गई।
सूचना आयुक्त ने कहा कि वादी को सद्भावनापूर्वक सूचना दी जानी चाहिए। अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में लोकहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा सूचनाओं को प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाना चाहिए।
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के संदर्भ में पूरी जानकारी मसलन सूचना कब प्राप्त हुई, सूचना का विषय, सूचना की स्थिति आदि के संदर्भ में पूरी जानकारी एक पंजिका में रखी जानी चाहिए।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना देने में अनावश्यक विलंब नहीं करनी चाहिए व निर्धारित तय अवधि 30 दिनों के अंदर सूचना प्रदान की जानी चाहिए। 30 दिनों की अवधि को उन्होनें लक्ष्मण रेखा बताते हुए कहा कि ससमय सूचना प्रदान की जाए।
सूचना आयुक्त महोदय ने आरटीआई के बारे में गहनता पूर्वक नियमो व धाराओं यथा धारा 6, 18, 19, 20 आदि के बारे मे विस्तृत जानकारी दी।
उसके बाद अधिकारीगणों को संबोधित करते हुए मा0 राज्य सूचना आयुक्त ने उनकी सूचना के अधिकार के संबंध में बारी बारी से जिज्ञासाओं को शांत किया तथा इस क्रम में सूचना अधिकार के विधिक पहलुओं से उन्होनें अधिकारीगणों को अवगत कराया एवं आरटीआई के नियमो के विषय पर गहनता से विशेष व्याख्या किए।कार्यशाला ज्ञान के उपार्जन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
जो सूचनाएं नहीं दी जा सकती उन सूचनाओं को इनकार करने की भी सूचना दें, उसके बारे में स्पष्ट उल्लेख करे। अगर सूचना किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो स्पष्ट रूप से उसका अंतरण 05 दिन के अंदर संबंधित अन्य विभाग को करे और लिखे की यह मेरे विभाग से संबंधित नहीं है।
अपने पास आर.टी.आई कभी भी लंबित न रखें।उसका जवाब 30 दिनों के भीतर अवश्य दें।अगर कोई वादी का किसी प्रश्न से क्यो का बोध हो तो उसकी सूचना न दे। सूचना अगर विस्तृत हो तो उसके बारे में भी अवगत कराए की इसमें समय लगेगा।
जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने कहा कि आरटीआई आवेदनों का निस्तारण अधिनियम की मूलभावना का ध्यान रखते हुए सकारात्मकता के साथ किया जाए। व्यापक जनहित से जुड़ी सूचनाओं को निर्धारित समयावधि में उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा की सभी जनपद स्तरीय अधिकारी कार्यालय स्तर पर आए आरटीआई का जवाब तत्काल दे दें , इसे कार्यालय स्तर पर लंबित न रखे।
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने कहा कि आरटीआई अधिनियम से शासन-प्रशासन में पारदर्शिता आई है।इस अवसर पर समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, बीडीओ व जनपद स्तरीय अधिकारीगण /कर्मचारीगण मौजूद रहे।
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