जलायी अगर पराली तो रु० 2500 से 15000 तक जुर्माना, और होगी एफ.आई.आर
कुशीनगर -उप कृषि निदेशक ने जनपद के समस्त कृषक बन्धुओं एवं कम्बाईन मालिकों को अवगत कराया है कि कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एस०एम० एस० का प्रयोग किया जाये जब तक कम्बाईन में सुपर एस०एम०एस० न लग जाये |
तब तक विकल्प के रुप में अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के कृषि यंत्रों जैसे स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक व बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर, श्रब मास्टर, रोटरी श्लेसर, रिवर्सिबुल एम०वी०प्लाउ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है।
कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालक की जिम्मेदारी होगी कि वह कम्बाईन के साथ उपरोक्त यंत्रों का प्रयोग खरीफ में धान की फसल की कटाई करते समय अनिवार्य रुप से करेंगें तथा उपरोक्त यंत्रों के बिना कटाई करते हुए पकडें जायेंगे तो उनकी कम्बाईन मशीन उनके क्षेत्र के फसल अवशेष जलाने से रोकने हेतु गठित टीम के द्वारा जब्त की जायेगी।
उन्होंने सभी कृषक बन्धुओं को अनुरोध किया है कि वे खरीफ में धान फसल की कटाई करते समय धान फसल के अवशेष को न जलायें, साथ ही यदि किसी गाँव में फसल अवशेष जलाने की घटनायें घटित होती हैं तो संबंधित कृषक को दण्डित किया जायेगा।
साथ ही उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान एवं उस ग्राम के लेखपाल तथा अन्य ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी भी उत्तरदायी होगें।
कृषक बन्धुओं को यह भी अवगत कराना है कि फसल अवशेष जलाने के घटना की सूचना सेटेलाईट के माध्यम से प्राप्त हो जाती है, जिस पर एन०जी०टी० के नियमानुसार रु० 2500 से रु० 15000 तक जुर्माना अधिरोपित किया जायेगा तथा सुसंगत धाराओं में एफ०आई०आर० भी दर्ज कराई जायेगी।
जनपद में कुछ कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा पराली एकत्रीकरण का कार्य किया जाना है, सभी कृषकों से अनुरोध है कि पराली को न जलाये एवं इन संगठनों से सम्पर्क कर इनको पराली देना कष्ट करें।
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