दीन दयाल उपाध्याय का उद्देश्य मानव का सर्वागीण विकास था – हरीश कुमार
सलेमपुर -आज राजकीय महिला महाविद्यालय सलेमपुर, देवरिया में दीन दयाल उपाध्याय के जन्म
दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि महाविद्यालय के
प्राचार्य प्रो० हरीश कुमार थे |
अपने संबोधन में प्रो0 हरीश कुमार ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय का उद्देश्य मानव के सर्वागीण विकास एवं परिश्चमीकरण के अंधे नकल से अपने देश को बचाना था । ‘एकात्म मानववाद’ का सीधा अर्थ था मनुष्य का पुरुषार्थ के आधार पर कल्याण करना। धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष यह एकात्म मानववाद का लक्ष्य है। बिना पुरुषार्थ के कल्याण किये व्यक्ति का कल्याण नही हो सकता। अंतोदय योजना भी पंण्डित जी ने भारत के संदर्भ में अंतिम व्यक्ति तक कल्याण को पहुंचाना लक्ष्य है।
समाजशास्त्र के प्राध्यापक डॉ० कमला यादव ने कहा कि दीन दयाल जी का आर्थिक चिंतन भारतीय चिंतन के तरीके से किया था। भारी मशीन का विरोध किया। लघु एवं कुटीर उघोगों को बढावा दिया था। उनका चिंतन भारतीय परिपेक्ष्य में ही था जिसमे अंतिम व्यक्ति तक अनाज एवं सुविधायें पहुंचाया जा सके।
उक्त अवसर डॉ० योगेन्द्र सिंह प्रभारी राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में स्वच्छता पखवाडा का भी आयोजन महाविद्यालय में किया गया एवं स्वच्छता के बल पर अपने समाज एवं देश को उन्न्त एवं प्रगतिशील बनाने का संकल्प लिया गया।
डॉ० अभिषेक कुमार एवं समस्त छात्राएं उपस्थित रही।
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