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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 23 Aug 2023 6:30 PM |   172 views

चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग से देशभर में जश्न का माहौल

चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के चंद्रमा की सतह पर उतरते ही भारत ने पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच दिया है।

देशभर में चल रहे प्रार्थनाओं के दौर और दुनिया भर की नजरें भारत की ओर लगी होने के बीच लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग की। इसी के साथ भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है।

हम आपको बता दें कि चंद्र सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई थी। हम आपको यह भी बता दें कि चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 के बाद का मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित एंव सॉफ्ट-लैंडिंग को दिखाना, चंद्रमा पर विचरण करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग करना है।

भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपए की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया था। इस अभियान के तहत यान ने 41 दिनों की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर अभियान को सफल किया। हम आपको यह भी बता दें कि जहां एक ओर भारत का अभियान सफल रहा वहीं चंद्रयान-3 की निर्धारित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ ही दिन पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की दौड़ में रूस उस वक्त पीछे छूट गया था, जब उसका रोबोट लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। रूसी लैंडर लूना-25 अनियंत्रित कक्षा में जाने के बाद चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

हम आपको यह भी बता दें कि सॉफ्ट-लैंडिंग की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को इसरो अधिकारियों सहित कई लोगों ने ‘‘17 मिनट का खौफ’’ करार दिया था। लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया स्वायत्त थी, जिसके तहत लैंडर को अपने इंजन को सही समय और उचित ऊंचाई पर चालू करना होता है, उसे सही मात्रा में ईंधन का उपयोग करना होता है और अंततः नीचे उतरने से पहले यह पता लगाना होता है कि किसी प्रकार की बाधा या पहाड़ी क्षेत्र या गड्ढा नहीं हो। बहरहाल, चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद इसरो के मुख्यालय सहित देशभर में जश्न का माहौल दिखाई दे रहा है। लोग तरह-तरह से देश की इस बड़ी कामयाबी का जश्न मना रहे हैं।

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