निष्पक्ष प्रतिनिधि ने कल छठा स्थापना दिवस मनाया
कुशीनगर – राजकीय बौद्ध संग्रहालय कुशीनगर के अज्ञेय स्मृति सभागार में पूर्वान्ह 11 .00 बजे निष्पक्ष प्रतिनिधि का छठां स्थापना दिवस मनाया गया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ बुद्ध प्रतिमा पर पुष्प अर्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ |
स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए श्रीलंका बुद्धविहाराधिपति डॉ नंद रतन थेरो ने मंगल कामना किया |
मंच का संचालन मधुर आवाज की धनी श्वेता मेहरोत्रा ने किया |
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता निष्पक्ष प्रतिनिधि के प्रधान संपादक राकेश मौर्य ने किया | श्री मौर्य ने अपने अभिभाषण में अतिथियों के स्वागत के साथ -साथ निष्पक्ष प्रतिनिधि के उपलब्धियों के बारे में बताया |
इस भव्य समारोह में विचार गोष्ठी तथा स्वरांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया | गोष्ठी का विषय था – ” पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां |
विषय वस्तु का परिचय वरिष्ठ पत्रकार नरसिंह द्वारा कराया गया | उन्होंने कहा कि निष्पक्ष प्रतिनिधि समाचार पत्र वास्तव में एक विचार है और निरंतर पिछले पांच वर्षो से निष्पक्षता के साथ भारतीय समाज के लिए काम कर रहा है | निश्चित तौर पर यह अखबार एक दिन एक नए भारत का निर्माण करने में सहायक साबित होगा |
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष कैप्टन विरेन्द्र सिंह ने ग्रामीण पत्रकारिता पर अपने विचार व्यक्त किये | उन्होंने कहा की पत्रकार तलवार की धार पर चलता है वह विकट परिस्थितियां में भी मुस्कुराता रहता है |
बुद्धा पी . जी. कॉलेज के डॉ निगम मौर्य ने पत्रकारिता के इतिहास की चर्चा की | उन्होंने कहा सत्य खबरे ही समाज को सही दिशा दे सकती हैं |
सुरेन्द्र मौर्य , ( प्रवक्ता ) बाहर सिंह श्रीनेत इंटर कॉलेज ने संवैधानिक मूल्यों की चर्चा करते हुए कहा कि आजकल पत्रकारिता पेशे में भी जातिगत विशंगतियाँ आ गई है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नही है |
परिचर्चा कार्यक्रम के समापन पर प्रधान सम्पादक ने कहा सत्य और निष्पक्षता के साथ काम करना आसान नही है | आजकल पत्रकारिता सत्ता के गलियारों तक सिमट कर रह गई है | पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति काफी दयनीय और सोचनीय है | सोशल साइट्स और यू टूबर की बाढ़ आ गयी है हर व्यक्ति पत्रकार और फोटोग्राफर बन चूका है | ऐसे लोगो से खबरों की प्रमाणिकता पर सवाल उठ रहें है | यह लोकतंत्र के लिए खतरा है |
श्री मौर्य ने शकील आज़मी के शब्दों में ” पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति पर जोर देते हुए कि —
हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
कुछ हुनर चाहिए बाज़ार में रहने के लिए
मैं ने देखा है जो मर्दों की तरह रहते थे
मस्ख़रे बन गए दरबार में रहने के लिए
ऐसी मजबूरी नहीं है कि चलूँ पैदल मैं
ख़ुद को गर्माता हूँ रफ़्तार में रहने के लिए
अब तो बदनामी से शोहरत का वो रिश्ता है कि लोग
नंगे हो जाते हैं अख़बार में रहने के लिए |
उन्होंने कहा कि सत्यता के साथ अखबारों में काम करने के लिए मजबूत इरादों , सहनशीलता और ईमानदारी पहली प्राथमिकता है – निष्पक्ष प्रतिनिधि के लिए मौर्य नेकहा कि-हमारा तो यह आलम है हुजुर —
” बिक गये बाजार में दोपहर तक एक- एक झूठ
शाम तक बैठे रहें हम अपनी सच्चाई लिए “|
परिचर्चा कार्यक्रम के बाद स्वरांजलि कार्यक्रम में हिना लोक गायिका की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया | ” बड़ा निक लागे बलमवा क़ गाँव जब उन्होंने गाया तो दर्शको की तालियाँ सभागार में गूंज उठी |
स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर दीनानाथ कुशवाहा ( पूर्व विधायक देवरिया सदर ) , नथुनी कुशवाहा समाजवादी नेता कुशीनगर , रामेश्वर कुशवाहा ( बेटी बचाओ , बेटी पढाओं के प्रदेश संयोजक ) अरुण सिंह ( जेलर , गोरखपुर )अतुल ओझा ( संयुक्त निदेशक अभियोजन , देवरिया ) , दानिश जमाल ( सहायक अभियोजन अधिकारी कन्नौज) ,नवनीत त्रिपाठी ( सहायक अभियोजन अधिकारी कुशीनगर ), प्रो. रवि प्रकाश , प्रो. राजेश,प्रो .ज्ञान मौर्य , असिस्टेंट प्रो. नरेन्द्र कुशवाहा ( जे .बी महाजन डिग्री कॉलेज चौरी- चौरा ), अगम स्वरुप कुशवाहा ( राष्ट्रीय मुख्य महा सचिव, राष्ट्रीय समानता दल ) ,आनंद कुशवाहा , श्रीराम यादव( पूर्व प्रवक्ता ) , रेनू सिन्हा , वंदना गुप्ता , जहरुद्दीन, विकास , योगेन्द्र , हीरालाल , भोला सिंह( पूर्व प्रवक्ता ), सत्य प्रकश , कृष्णा कुशवाहा , पुरोषत्तम कुशवाहा ,ॐ प्रकाश कुशवाहा , दया शंकर कुशवाहा ,राजकुमार कुशवाहा, पंकज वर्मा , श्वेता , प्रीति आदि लोग उपस्थित रहें |