माँ
बेटों को माँ,बहन,बेटी,बीवी के रूप में
कई माएँ मिल जाती हैं
मगर
बेटियों के नसीब में सिर्फ़ एक माँ होती है
माँ की दुवाओं में ही उसका नाम होता है
वरना
मायके से परे तो वो बेनाम होती है
माँ है तो सब रिश्ते कितने तरल हैं
एक दूसरे में रचेबसे कितने सरल हैं
माँ जब गले लगाती है सौग़ात दे जाती है
अपना सारा प्यार दिल के पार कर जाती है
कोई और कहाँ पूछता है
कब खाया क्या खाया?
माँ सामने होते ही पूछती है-
कुछ बना दूँ ,कुछ खाया
मगर उस माँ को भी
एक माँ चाहिए होती है
बेटी बनना चाहती है
बस कहती नहीं
माँ बन कर वो भी तो थकती है
रश्मि राज ,नई दिल्ली
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