अपना प्रकाश स्वयं बनने की सीख को ग्रहण करना चाहिए- भंते महेंद्र
कुशीनगर -सामाजिक जीवन मे भी नैतिक मूल्यों का पालन करने वाला समस्त ऐश्वर्य का भोग कर सकता है।जीवन सुखी बनाने के लिए कर्मकाण्ड नहीं अपितु नैतिक जीवन की जरूरत होती है।व्यक्ति अगर अपने जीवन में केवल पाँच मूल्यों- अहिंसा,चोरी न करना,झूठ न बोलना,मद्यपान न करना एवं प्राणीयो के प्रति सद्भावना का।पालन करें तो सुखी जीवन जीते हुए निर्वाण को प्राप्त हो सकता है।
उपरोक्त बातें राष्ट्रीय सेवा योजना बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर द्वारा सप्तदिवसिय विशेष शिविर के अंतिम दिन समारोप सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भंते महेंद्र ने स्वयंसेवकों को सीख दी।आपने कहाकि हमें तथागत भगवान बुद्ध के संदेश ” अप्प दीपो भव ” अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनने की सीख को ग्रहण करना चाहिए।
पूर्व विधायक रजनीकांत पाण्डेय जी ने अपनी संस्कृति, सभ्यता के अनुरूप आचरण पर बल दिया।आपने कहाकि राष्ट्रीय सेवा योजना का स्वयंसेवक अपनी संस्कृति एवं मूल्यों का भी वाहक होता है।अतः इस समापन समारोह में स्वयंसेवको/स्वयंसेविकाओ को भारतीय परिधान साड़ी एवं धोती कुर्ता पहनना चाहिए।स्वयंसेवको को उनके कर्तव्य को याद दिलाते हुए आपको स्वयं द्वारा अर्जित ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करना होगा।
उन्होंने युवाओं को नए भारत के निर्माण का वाहक बताया।सिक्किम से आए विशिष्ट अतिथि पी पी भोटिया ने नान बायोडिग्रेडेबल पदार्थों के पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से स्वयंसेवको को परिचित कराया। उन्होंने बताया कि भारत भूमि संतों , ऋषि-मुनियों की भूमि रही है यहां सर्वे भवन्तु सुखिन: की अवधारणा प्रचलित रही है।
प्राचार्य प्रो सिद्धार्थ पाण्डेय ने बताया कि इन सात दिनों में निश्चित रूप से आप के व्यक्तित्व के साथ -साथ सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में प्रगति होगी। दहेज प्रथा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता आदि क्षेत्रों में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कार्य की उन्होंने भूरि -भूरि प्रशंसा किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो उमाशंकर त्रिपाठी ने स्वयंसेवको को उनके कर्तव्य की याद दिलाते हुए उसे अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा दी।
सप्तदिवसिय विशेष शिविर के कुशलतापूर्वक सम्पन्न होने पर सभी को शुभकामनाएं भी दी। इससे पूर्व स्वयंसेवको की तरफ से अतिथियों के सम्मुख सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए।
इस अवसर पर प्रो सत्येंद्र गौतम, डॉ निगम मौर्य,डॉ पारस नाथ, डॉ रीना मालवीय, डॉ जितेंद्र मिश्र,संजय,फूलचंद एव अनिल मल्ल समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
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