शिव
जय सोमनाथ,केदार शिव
जय पशुपति नाथ हे महादेव
जय सकल सुखों के सार शिव
कैलाश पति हे उमाकान्त
अविनाशी, अपरम्पार शिव
शशि धर,गंगा धर डमरु धर
नील कण्ठ ,करतार शिव
जय त्रयम्बकेश्वर, विश्वनाथ
हे अखिल ,अनन्त ,अपार शिव
हे अविनाशी, बम बम भोले
दो सकल धरा को तार शिव
शक्ति में निहित जगतद्रष्टा
युग-युग के तारन हार शिव
जय विनाशकारी, हे त्रिपुरारी
हे निराकार, साकार शिव
जय भुजंग-तुंग-मालाधर हे
जय निरंकार, ॐकार शिव
जय,नमामिशम-ईशान हरे
जय जय हे मोहापार शिव
जय सर्वभूताधिवासं शिव
हे दैत्य-दर्प संहार शिव
हे सुशक्तिमान ओंकारेश्वर
त्रिलोकों के उद्धार शिव
जय मृगाधीश हे चर्माम्बर
हे करुणा के संसार शिव
हे अगर्व सर्व मंगल कारी
हे सृष्टि के आधार शिव
– वन्दना गुप्ता
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