विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया
नालंदा -नव नालन्दा महा विहार सम विश्वविद्यालय , नालन्दा में विश्व हिन्दी दिवस आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिन्दी के वैश्विक आयाम को संबोधित किया गया। कार्यक्रम का प्रस्तावना- व्याख्यान प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ ने दिया तथा अध्यक्षता कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने एवं संचालन प्रो. हरे कृष्ण तिवारी ने किया |
नव नालन्दा महाविहार में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ ने अपनी प्रस्तावना में कहा कि हिन्दी अपनी गतिकी से विश्व राष्ट्र संघ की भाषा बनेगी। हिन्दी तेजी से विकसित होती भाषा है। हिन्दी का उपयोग सरल-सहज है। यह आत्मीयता व आवश्यकता : दोनों का हेतु है। उसमें भारतीय जन अपनी अभिव्यक्ति की सम्प्रेषणीयता को सहज रूप में लेता है। हिन्दी फिल्मों ने हिन्दी को पूरे विश्व में फैलाया है। हिंदी की बचे होने का अर्थ है – संस्कृति, विचार व जीवन- पद्धति का बचना। हिन्दी में आधुनिक विमर्श की क्षमता है।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि भारतीय गिरमिटिया मजदूरों ने हिन्दी की वैश्विकता का नया आयाम रचा। उन्होंने हिन्दी , भोजपुरी , मैथिली , मगही आदि को अपनी वाणी में बचाए रखा। अपनी संस्कृति का निर्वहन है, अपनी भाषा। हिन्दी को विश्व राष्ट्र संघ में शीघ्र जगह मिलेगी, ऐसी आशा है। सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से हिन्दी सर्वाधिक तेजी से फैलने वाली भाषा है। नव नालन्दा महाविहार का हिन्दी विभाग साहित्यिक व सांस्कृतिक विकास के लिए जो अपने महत्त्वपूर्ण यत्न कर रहा है, वह स्वागत-योग्य कदम है।
कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने अपनी कविता ‘स्वाधीनता व संस्कार ‘ सुनाई। इस कविता में श्रेय- प्रेय, अधिकार- कर्तव्य आदि का द्वंद्व दिखाया गया है तथा भारतीय मूल्यों को दृष्टिगत रखने की बात उठाई गई है।
संचालन करते हुए प्रो. हरे कृष्ण तिवारी ने कहा कि भाषा में अनेक निहितार्थ छुपे होते हैं।सूर दास की कविता के माध्यम से उन्होंने इसे व्याख्यायित किया। हिन्दी की प्रगति चारों ओर हो रही है। इसका एक मानचित्र बनाना चाहिए।
स्थापना दिवस के उपलक्ष में हुई कविता व भाषण प्रतियोगिता में जिन सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र कुलपति महोदय द्वारा प्रदान किए गये, उनके नाम हैं –
काव्य-पाठ प्रतियोगिता में ~
प्रथम – नवनीत कृष्ण,
द्वितीय– स्निग्धा सिंह,
तृतीय – वर्षा कुमारी,
सांत्वना – कुमारी सोनी, शंभू कुमार, राहुल राज, मोनिका राज।
तथा भाषण-प्रतियोगिता में ~
प्रथम – धम्मरत्न,
द्वितीय – हरेंद्र पाण्डेय,
तृतीय – नीतीश कुमार, शंभु कुमार,
सांत्वना – सुरभि गुप्ता, राहुल राज।
विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर जिन विद्यार्थियों ने कविता- पाठ किया, उनके नाम इस प्रकार हैं-
कुमारी सोनी, वर्षा कुमारी, संजय कुमार सिन्हा, हरेंद्र पाण्डेय, प्रियंका कुमारी, सुरभि गुप्ता, नवनीत कृष्ण। अपने नए बिम्ब, नई दृष्टि व नई काव्य- संरचना के साथ इन्होंने एक नया आकाश रचा।
कार्यक्रम में नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय के आचार्य, शोध- छात्र, एम. ए. व बी. ए. के छात्र, गैर शैक्षिक स्टाफ व हिंदी प्रेमी उपस्थित थे।
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