Wednesday 1st of May 2024 08:05:15 PM

Breaking News
  • हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहें हैं , आतंकवादी पन्नू की हत्या की साजिश की रिपोर्ट पर वाइट हाउस का आया बयान |
  • लवली के इस्तीफे के बाद देवेन्द्र यादव बने दिल्ली कांग्रेस के नए अध्यक्ष |
  • एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने नए नौ सेना प्रमुख का प्रभार संभाला |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 16 Dec 2022 6:31 PM |   405 views

‘‘स्वतन्त्रता संग्राम में हिन्दी साहित्यकारों का योगदान‘‘ विषय पर संगोष्ठी का अयोजन किया गया

लखनऊः उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा यहां इन्दिरा भवन स्थित कार्यालय में ‘‘स्वतन्त्रता संग्राम में हिन्दी साहित्यकारों का योगदान‘‘ विषय पर संगोष्ठी का अयोजन किया गया।

संगोष्ठी में संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव, ने कहा भारत की सभी भाषाओं एवं उनके साहित्य का अभिवर्धन के उद्देश्य से उ0प्र0 भाषा संस्थान की स्थापना वर्ष 1994 में हुयी थी। साहित्य प्रत्येक काल में समाज का मार्गदर्शन करता रहा है। जब-जब समाज दिग्भ्रमित होता है, और जनसाधारण किंकर्तव्यविमूढ़ की अवस्था में आता है, तब- तब लेखनी के सिपाही उठकर लेखनी के माध्यम से इन सब का मार्गदर्शन करते हैं।

जब स्वतंत्रता आंदोलन की हमारे देश में धूम मची थी, तब लगभग हर प्रांत के, लगभग हर भाषा-भाषी क्षेत्र के महान साहित्यकारों , कवियों, लेखकों ने अपने-अपने ढंग से अपने-अपने क्षेत्र के लोगों का आजादी के आंदोलन में कूदने का आवाहन किया।

प्रख्यात हिन्दी साहित्यकार भारतेन्दु हरिशचन्द्र, प्रताप नारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी, राधाकृष्ण दास, ठाकुर जगमोहन सिंह, पं. अम्बिका दत्त व्यास, बाबू रामकृष्ण वर्मा, माखन लाल चतुर्वेदी, रामनरेश त्रिपाठी, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ और सुभद्रा कुमारी चौहान आदि ने स्वतन्त्रता संग्राम में अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से सराहनीय योगदान दिया है।

कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित, पद्मश्री डॉ0 विद्या बिन्दु सिंह एवं प्रो0 हरि शंकर मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम का संयोजन जगदानन्द झा, प्रशासनिक अधिकारी, उ0प्र0 संस्कृत संस्थान, द्वारा किया गया। 

Facebook Comments