विश्व टेलीविजन दिवस
प्रतिवर्ष 21 नवम्बर 2022 को ’’विश्व टेलीविजन दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है। टी.वी. मात्र
सूचना सम्प्रेषण का माध्यम न होकर शिक्षा, मनोरजन व ज्ञानवर्द्धन का सशक्त माध्यम हो गया है। एल.ई.डी.टी.वी. केबिल कनेक्शन हो जाने से आज टी.वी. लोकप्रियता व उपादेयता में काफी इजाफा हुआ है।
आज हम घर बैठे राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली हर एक घटनाक्रम व छोटे -बड़े आयोजनों को दे ख रहे है। कामनवेल्थ गेम हो या क्रिकेट व फुटबाल का विश्वकप, सबकी निगाहें टी.वी. स्क्रीन पर लगी रहती है। विद्यार्थियों को टी.वी. स्क्रीन पर अपने विषयों से सम्बंधित समस्त जानकारियाँ आसानी से मिल जाती है। आज कृषकों को कृषि विषयक जानकारी आसानी से उपलब्ध हो रही है। आज टेलीविजन ’’बुद्धु बक्शा’’ न होकर ज्ञान का खजाना हो गया है।
विगत दो दशकों से सुपर स्टार अमिताभ बच्चन निर्देशित ’’कौन बनेगा करोडपति’’ की लोकप्रियता
जगजाहिर है। टी.वी. से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों से स्वास्थ्य व ज्योतिष की जानकारियाँ मिलती है। लोग टी.वी. देखकर योग-प्राणायाम का नियमित अभ्यास कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहें है। पिछली सदी के 90 के दौर में टेलीविजन मनोरजन का एक मात्र साधन हुआ करता था। लोकप्रिय धारावाहिक ’हमलोग’, ’रामायण’ व महाभारत की लोकप्रियता चरम पर थी। आज लोग धार्मिक सीरियल ’यशोमती मईया के नन्दलाला’ व ऐतिहासिक सीरियल ’अहिल्याबाई’ को देखकर अपने धार्मिक एवं ऐतिहासिक ज्ञान की अभिवृद्धि कर रहे है।
कोरोना काल में ’रामायण’, ’महाभारत’ एवं ’शक्तिमान’ जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों ने लोगों को अपने घरों तक रोके रखा। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि ज्यादा टी.वी. देखने से दृष्टि दोष के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
आवश्यकता इस बात की है कि हम लोकोपयोगी ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रमों को देखने तक ही अपने आप को सीमित रखें।
मनोज ’’मैथिल’