ग्रीन कारीडोर बनाकर 108 एम्बुलेंस से इलाज के लिए पहुंचाए गए घायल श्रद्धालु
संतकबीरनगर-श्रद्धालुओं की ट्राली पलटने से हुई दुर्घटना के बाद आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के कर्मियों ने पुलिस के साथ मिलकर ग्रीन कारीडोर बनवाया और घायलों को मेंहदावल से जिला अस्पताल पहुंचाया।
वहीं दूसरी तरफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला अस्पताल से लेकर मेंहदावल तक की सारी मशीनरी को सक्रिय कर दिया, जिसका नतीजा यह रहा कि समय पर घायलों का इलाज होने के चलते जन हानि नहीं हुई।
बेलहर क्षेत्र में दुर्घटना की जानकारी के बाद 5 एम्बुलेंस मौके पर 6 से लेकर 10 मिनट के भीतर पहुंच गयीं। तब तक घायलों को आटो के जरिए ले जाया गया । इसके बाद एम्बुलेंसकर्मी आटो को फालो करते हुए सीएचसी मेंहदावल पहुंचे। मेंहदावल में 11 घायलों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। इस बीच 108 एम्बुलेंस सेवा के जिला प्रोग्राम मैनेजर अक्षत सिंह ने बखिरा के एसआई सीपी सिंह से सम्पर्क करके एम्बुलेंस के लिए ग्रीन कारीडोर बनाने का अनुरोध किया।
नतीजा यह रहा कि मेंहदावल से जिला चिकित्सालय तक की 24 किलोमीटर की दूरी को पहली एम्बुलेंस ने 18 मिनट में तय किया। यह एम्बुलेंस दो घायलों को लेकर पहुंची थी। वहीं अन्य एम्बुलेंस ने भी औसतन 25 मिनट का समय लेकर घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया।
दूसरी तरह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने घटना की जानकारी के बाद घायलों को बेहतर चिकित्सा दिलाने के लिए चिकित्सा विभाग के सारे चैनल एक साथ सक्रिय कर दिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह बताते हैं कि जब ट्राली पलटने की घटना की खबर आई थी उस समय वह क्षेत्र में होने वाले मूर्ति विसर्जन स्थलों के भ्रमण पर थे। एसपी ने उन्हें मोबाइल पर घटना की जानकारी दी।
जानकारी होने के बाद तुरन्त एम्बुलेंस सेवा को सतर्क करने के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेंहदावल में चिकित्साधिकारी से बात की और वह खुद ही मेंहदावल पहुंच गए। वहां पर 11 लोगों को रेफर कराकर वह खुद जिला अस्पताल पहुंच गए। इससे पहले ही जिला अस्पताल की टीम को सक्रिय कर दिया गया था और घायलों के पहुंचने से पहले ही ईएमओ ( ईमरजेंसी मेडिकल आफिसर ) के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों को आनकाल बुला लिया गया।
5 घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें मेडिकल कालेज रेफर किया गया। इसके बाद जिलाधिकारी ने खुद मेडिकल कालेज के प्राचार्य से उचित प्रबन्ध के लिए बात की। इसका परिणाम यह रहा कि घायलों को उचित चिकित्सकीय सुविधा मिल गयी और कोई अप्रिय स्थिति नहीं आई।
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