विश्व हृदय दिवस
” दिल तो बच्चा है , कृप्या इसे सम्भाल कर रखे ”
आज के इस भौतिकवादी योग में हृदय रोग एक आधुनिक जीवन शैली जनित रोग हो गया है |आज से तीन दशक पूर्व जहा 60 साल से ऊपर के लोगो को हृदय रोग होता था | वहीं आजकल 30-35 के उम्र के लोग हृदय रोग से पीड़ित हो रहें हैं | साइलेंट किलर इस रोग से विश्व में 1करोड़ 87 लाख लोग अकाल मृत्यु के शिकार हो रहें हैं | भारत में प्रतिवर्ष 22 लाख लोग हार्ट अटैक से मरते हैं |अगर इसी रफ़्तार से हृदय रोग से पीड़ित लोगों की संख्या बढती रही तो 2050 तक हर चार में से एक व्यक्ति हृदय रोगी निकलेगा | निश्चित रूप से यह स्थिति अत्यंत गंभीर व चिंताजनक है | हृदय रोग से निजात दिलाने हेतु लोगो को जागरूक करने के ख्याल से वर्ष 1999 से विश्व स्वास्थ्य संगठन व वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के संयुक्त तत्वाधान में 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है |
हृदय रोग मुख्य रूप से तनाव उच्च रक्तचाप , मधुमेह , मोटापा ,बढे हुए कोलेस्ट्रोल , अनियमित दिनचर्या ,फास्टफूड / जंक फ़ूड,चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थो ,अत्यधिक नमक सेवन से होता है| तनाव की स्थिति में कार्टिसोल होर्मोन्स असंतुलित हो जाता है ,जिसके कारण कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है |इससे व्यक्ति का ब्लडप्रेशर अनियंत्रित हो जाता है और तेजी से वजन बढ़ने लगता है |
सुझाव –
हृदय रोग से बचाव हेतु संयमित दिनचर्या आवश्यक है |प्रातः काल का सैर हृदय के लिए एक टॉनिक के सामान है | जब हम तेज सांस लेते और छोड़ते हैं तो हमारे फेफड़ो को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध ऑक्सिजन मिल जाता है |धुम्रपान का सेवन निषिद्ध होना अति आवश्यक है |अपने हृदय को स्वस्थ व मन को प्रसन्न रखने हेतु पर्याप्त नीदं ले |
लेखक – मनोज ” मैथिल