आज़ादी के असली मायने’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया
नई दिल्ली- यहां आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘हम सब साथ साथ’ एवं ‘हिंदुस्तानी भाषा अकादमी’ दिल्ली के सौजन्य से अकादमी के रोहिणी (दिल्ली) स्थित सभागार में ‘आज़ादी के असली मायने’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
इसमें एक प्रतियोगिता के माध्यम से पूर्व में चुने गए वक्ताओं; विनोद पाराशर, सविता चडढा, पूनम माटिया, डॉ. वन्दना गोसाईं (दिल्ली), कुसुम अग्रवाल, सुधीर सिंह (गाजियाबाद), सुशीला शर्मा (जयपुर), डाॅ. अरविन्द श्रीवास्तव (दतिया), परिणीता सिन्हा, दिव्या शर्मा (गुरूग्राम), कुमार जितेन्द्र (बरेली), अन्नपूर्णा बाजपेयी (कानपुर), अमिताभ मिश्र (वाराणसी) एवं ओजेंद्र तिवारी (दमोह) आदि ने वर्तमान परिस्थितियों के बीच आज़ादी के दुरुपयोग और बेजा इस्तेमाल पर प्रकाश डालते हुए अपने विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से आजादी के असली मायने क्या हैं, इस विषय पर खुलकर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मौजूद सुधाकर पाठक और डॉ. अरविंद त्यागी ने भी आयोजन के विषय पर चर्चा करते हुए अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।
आयोजन के दौरान ‘इनसे मिलिए’ कार्यक्रम के लिए आमंत्रित अतिथि संजू तनेजा एवं राजीव तनेजा (दंपत्ति) ने अपने साक्षात्कार में आयोजकों और दर्शकों की ओर से उनके निजी और सार्वजनिक जीवन के संबंध में पूछे गए कुछ सीधे और कुछ टेंढे प्रश्नों के उत्तर अत्यंत चतुराई से देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
इस अवसर पर अतिथियों के सम्मान के साथ ही सभी प्रतिभागियों आदि का मोमेंटो, प्रमाणपत्र, तुलसी का पौधा देकर और पटका/शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हम सब साथ- साथ की संपादक शशि श्रीवास्तव द्वारा तैयार किए गए कपड़े के थैले का वितरण भी किया गया।
समस्त कार्यक्रम का संचालन संयोजक किशोर श्रीवास्तव के साथ दिल्ली की कुमारी रंजना डागर ने अपने बेहद खूबसूरत अंदाज में किया। अंत में पूनम पांडेय ने सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।