विभाजन की त्रासदी, आजादी एवं राष्ट्रीय मूल्यों पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
लखनऊ- डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 75वें “आजादी का अमृत महोत्सव” के अंतर्गत पुरुष एवं महिला छात्रावास में विभाजन की त्रासदी, आजादी एवं राष्ट्रीय मूल्यों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया |
पुरुष छात्रावास में “सन 1947 में भारत में एक आंतरिक शांति और व्यवस्था के लिए भारत के विभाजन की अनिवार्यता” विषय पर एक वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | शीर्षक के पक्ष अथवा विपक्ष में अपने विचार रखने के लिए छात्रों को चार मिनट का समय दिया गया तथा एक मिनट अपने निष्कर्षों को प्रस्तुत करने का समय दिया गया जिसमें कुल 19 विद्यार्थियों ने अपने विचार रखे |
उक्त कार्यक्रम में राजन बाबू को प्रथम, मोनू सिंह द्वितीय एवं राज भारती, सांत्वना राजा व विकास तृतीय विजेता घोषित किए गये |पुरुष छात्रावास के चीफ प्रोवोष्ट / अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. आशुतोष पाण्डेय ने कार्यक्रम की विस्तृत रुपरेखा रखी | प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा. बृजेश कुमार राय एवं डा. पुष्पेन्द्र सिंह रहे | कार्यक्रम का सफल संचालन डा. शशि सौरभ द्वारा सम्पन्न किया गया |
इसी क्रम में विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास में “विभाजन की त्रासदी, आजादी एवं राष्ट्रीय मूल्यों पर कार्यशाला” का आयोजन किया गया | कार्यक्रम में महिला छात्रावास की प्रोवोस्ट डा. विजेता दुआ, सहायक प्रोवोस्ट डा. सुधा राव, डा. अमिता शुक्ला, डा प्रज्ञा श्रीवास्तव महिला छात्रावास के समस्त कर्मचारीगण एवं आवासित छात्राओं ने प्रतिभाग किया किया |
शीर्षक के पक्ष अथवा विपक्ष में छात्राओं ने अपने विचार रखे | कार्यक्रम की डांस में विजेता प्रथम , व कनक को कनक, व द्वितीय दीपिका, गाने में रिति प्रथम व लता को द्वितीय स्थान, कविता में रूपवती को प्रथम व रूचि को द्वितीय तथा स्पीच में यमुना को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है |