उम्मीद
उम्मीद है तुमसे
लौट जरुर आओगे
मगर ये डर जो
है मुझे रोज सता
जाता है तुम मुझे
भूल तो नहीं जाओगे।
बेचैनी हर वक़्त
होती है आँखे भी
मेरी चैन कि नींद
नही सोती है राह
तुम्हारी रात भर
जागके देखती है।
तुम अपना भले ही
मुझे हिसाब ना दो
लेकिन कम से कम
इतना दो बता दो
गुम कहा रहते हो
और कैसे जी रहे हो।
हमारे हाल से तुम्हें
मतलब हो ना हो
मुझे तुम्हारा ख्याल
हर रोज आता है
एक नई उम्मीद
देकर के जाता है।
तुम्हारा ख्याल मुझे
ये एहसास दिलाता
है, कि तुम्हें भी न
मेरी याद आती है
बस कुछ दिन की
ही ये मजबूरी है।
फिर सारी दूरिया
मिट जाएगी तुम
जब आ जाओगे
तो मेरी जिन्दगी
दोबारा देख के
तुम्हें मुस्कुराएगी।
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