Friday 29th of March 2024 08:03:58 PM

Breaking News
  • आयकर बिभाग के नोटिस पर कांग्रेस आग बबूला , अजय माकन बोले – यह टैक्स terirism|
  • कंगना ने शुरू किया चुनाव प्रचार , बोली -मै स्टार नहीं आपकी बेटी हूँ | 
  • विपक्ष का योगी सरकार पर वार , पलटवार में बोली बीजेपी – एक अपराधी के लिए इतना दर्द |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 25 Jan 4:10 PM |   795 views

प्याज,लहसुन की फसल में रोग व कीट से रहे सावधानः प्रो. रवि प्रकाश

लगातार मौसम में बदलाव से इस समय प्याज एवं लहसुन  की फसल में कई तरह के रोग लगने की संभावना बनी रहती हैं, अगर समय रहते इनका प्रबंधन न किया गया तो प्याज एवं लहसुन  की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
 
इस बारे में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधौगिक विश्व विद्यालय कुमारगंज अयोध्या  के सेवानिवृत्त बरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, प्रोफेसर  रवि प्रकाश मौर्य ने प्याज  लहसुन की खेती करने वाले किसानों को सलाह दिया है कि   मौसम के अनुकुलता के आधार पर दोनों फसलों में  झुलसा , मृदुरोमिल फफूंदी, बैगनी धब्बा रोग एवं थ्रिप्स कीट से सावधान  रहने की आवश्यकता है। झुलसा रोग में प्रभावित पौधौ की  पत्तियां एक तरफ पीली तथा दूसरी तरफ हरी रहती है। मृदु रोमिल रोग मे पत्तियों की सतह पर बैगनी रोयेदार वृध्दि दिखाई पड़ती है। जो बाद मे हरा रंग लिये पीली हो जाती है।
 
दोनों बीमारियोँ के रोकथाम हेतु मैकोजेब 75 डब्लू. पी. 2.5 ग्राम  प्रति लीटर पानी मे घोल कर छिड़काव करें। बैगनी धब्बा रोग में प्रभावित पत्तियों और तनों पर छोटे छोटे गुलाबी रंग के धब्बे पड़ जाते है।जो बाद मे भूरे होकर आँख के आकार के हो जाते है तथा इनका रंग बैगनी ह़ो जाता है।
 
इसके प्रबंन्धन के लिये  डिफेनोकोनाजोल 2.5 मि.ली.प्रति लीटर पानी मे घोल कर छिड़काव करे। प्याज लहसुन में थ्रिप्स कीट का प्रकोप भी  ऐसे  मौसम मे होता है।ये कीट छोटे पीले रंग के होते है  ।इनके शिशु एवं प्रौढ़ दोनों  पत्तियों का रस चूसते है जिसके कारण पत्तियों पर  हल्के हरे रंग  के  लम्बे लम्बे  धब्बे दिखाई पड़ते है जो बाद मे सफेद रंग के हो जाते है।
 
इसके प्रबंधन के लिये  साइपरमेथ्रिन  1 मि.ली. प्रति लीटर पानी मे  घोल कर छिड़काव करें। ध्यान रहे प्याज लहसुन की पत्तियाँ चिकनी होती है उस पर  दवा चिपकता नही है। इस लिए चिपचिपा पदार्थ ट्राइटोन या सेन्डोविट  1 मि ली. प्रति लीटर घोल मे मिला कर छिड़काव करें। दवाओं के  छिड़काव के कम से कम  दो सप्ताह बाद ही प्याज एवं लहसुन को खाने मे प्रयोग करें। छिड़काव के बाद स्नान कर कपड़ों को अच्छी तरह साबुन से धोले।
Facebook Comments