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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 18 Sep 5:34 PM |   319 views

पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण आज सम्पन्न हुआ

बलिया -आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया के तत्वावधान में मशरुम उत्पादन उधामिता विकास पर आयोजित पाँच दिवसीय प्रशिक्षण 14 सितम्बर से प्रारंभ होकर आज उसका समापन हुआ। 
 
प्रशिक्षण के दौरान  आन लाईन के.वी.के.बाराबंकी के विषय बस्तु विशेषज्ञ  (पादप रक्षा) डा.सदीप कुमार  ने प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम के उत्पाद एवं उनसे लाभ एवं  प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी। 
 
केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने ओयस्टर मशरूम के तैयार करने की विधि को बतलाया साथ ही मशरुम में लगने वाली बीमारियों एवं उनके रोकथाम पर चर्चा किया ।  उन्होंने ने बताया कि 20 फीट लम्बा, 15 फीट चौडा, एवं 10 फीट ऊचाई वाले कमरे मे आयस्टर मशरुम का उत्पादन अच्छी तरह से किया जा सकता है।इसके लिये भूसा,. पालीथीन बैग, फार्मलीन, बाविस्टिन एवं स्पान (बीज) की आवश्यकता होती है , जो सभी असानी से  मिल जाते है।
 
कृषि विज्ञान केन्द्र बक्सर बिहार के वैज्ञानिक डा. राम केवल ने बटन मशरुम पर जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिये कम्पोस्ट तैयार करने में एक माह का समय लगता है। स्पान को छोडकर सभी संसाधन स्थानीय बाजार मे उपलब्ध है। डा.प्रेम लता श्रीवस्तव गृह विज्ञान वैज्ञानिक  ने मूल्यसंम्बर्धन  पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मशरुम की ,सब्जी, सूप, आचार, पापड़ आदि आसानी से बनाया जा सकता है।
 
प्रशिक्षण समन्वयक  डा.सोमेन्द्र नाथ शस्य वैज्ञानिक  ने  मशरुम घर की जानकारी दी । डा. मनोज कुमार ने स्पान तैयार करने की विधि बताया |
 
हरिशंकर वर्मा ने स्वरोजगार के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की।  जिला उधान अधिकारी नेपाल राम ने  मशरुम से सम्बंधित योजनाओं पर चर्चा करते हुए बताया की  रू 20 लाख की लागत मे 40 प्रतिशत की छुट मिलती है ।
 
ग्राम रामगढ  ब्लॉक गढवार के मशरूम उत्पादक टुन टुन यादव  ने बिगत पाँच बर्षो से कर रहे मशरुम की खेती का अनुभव साझा किया तथा प्रशिक्षणार्थियों के सवालों का जवाब दिया।
 
के.वी.के.गाजीपुर II के बरिष्ठ वैज्ञानिक  एवं अध्यक्ष डा. रजेश चन्द्र वर्मा ने मशरूम उत्पादन मे आने वाली  विभिन्न पहलुओं पर  बहुत वारिकी से प्रकाश डाला।
 
वहीं के वैज्ञानिक शस्य डा. जय प्रकाश सिंह ने भी प्रशिक्षणार्थियो को सम्बोधित किया।
 
प्रशिक्षण के  अतिम दिन प्रक्षेत्र प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार ने केन्द्र परिसर मे लगी जैविक हल्दी  की प्रजाति नरेन्द्रहल्दी-1, धान की स्वर्णा शक्ति, अरहृर आपी.ए -203, आवला एवं अमरूद के बागो का  भ्रमण कराकर तकनीकी जानकारी दी गयी।
 
प्रशिक्षण मे.जनपद के विभिन्न विकास खण्डो के 28  कृषक/ कृषक महिला/ नवयुवकों ने भाग लिया।
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