Wednesday 17th of April 2024 04:00:36 AM

Breaking News
  • घबराहट में 400 पार का नारा दे रही बीजेपी , बोले लालू – संविधान बदलने की कोशिश हुई तो जनता आँखे निकाल लेगी |
  • अमेठी – राय बरेली में BSP  नहीं देगी कांग्रेस को वाक ओवर |
  • BJP को सत्ता से हटाने पर ही देश स्वतंत्र रहेगा , ममता का दावा भगवा पार्टी के जीतने पर भविष्य में देश में कोई चुनाव नहीं होगा |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 7 Sep 2021 4:01 PM |   356 views

भाषा व साहित्य-शिक्षण में संवेदनशीलता व समकालीनता आवश्यक

नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। शिक्षकों की  वर्तमान भूमिका, साहित्य – कलाओं पर नई दृष्टि से विचार तथा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षण- मर्म व दार्शनिकता के पहलुओं पर संवाद हुआ।
 
छात्र छात्राओं ने कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो रवींद्र नाथ श्रीवास्तव “परिचय दास”  ने की। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षक समुदाय को बधाई तथा छात्र समुदाय को शुभ कामनाएं दीं।
 
उन्होंने कहा  कि शिक्षण की श्रेष्ठता  में  शिक्षक की शिक्षण- प्रक्रिया की उत्कृष्टता की बड़ी भूमिका है। भाषा व साहित्य-शिक्षण में सम्वेदनशीलता व समकालीन विचारों का आधार होना आवश्यक है।
 
एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ हरेकृष्ण तिवारी ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का नया स्वरूप शिक्षक दिवस को कह सकते हैं। गुरु का सम्मान शिक्षा का सम्मान है। सहायक प्रोफ़ेसर डॉ अनुराग शर्मा ने कहा कि शिक्षण जीवन की अच्छाई पर आधारित होना चाहिए। शिक्षक व छात्र दोनों एक दूसरे से सीखते हैं।
 
एम. ए.( हिन्दी) के छात्र-छात्राओं-  रश्मि रथी, कुमार अभिषेक , आलोक कुमार, मोनी कुमारी, जूली कुमारी, अनामिका, रीना, कुंदन, श्वेता कुमारी, श्वेता रानी, शिखा सिन्हा आदि ने अपनी कविता का पाठ किया और एस. राधाकृष्णन व शिक्षक दिवस पर प्रकाश डाला। संचालन शोध छात्र नीतीश कुमार ने किया।
Facebook Comments