युवा बौद्ध विद्वान डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य ‘श्रमण पुरस्कार 2020’ हेतु चयनित
मैनपुरी के आलीपुर खेडा के समीप स्थित गाँव मानिकपुर में राम औतार शाक्य एवं विमला देवी के पुत्र के रूप में जन्मे डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य का नाम ‘श्रमण पुरस्कार 2020’ हेतु चयनित किया गया है ।
यह पुरस्कार आपकी मौलिक कृति ‘बौद्ध धर्म के पुनरुद्धारक त्रिपिटकाचार्य डॉ. भिक्षु धर्मरक्षित’ के लेखन पर उत्तर-प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रदान किया जाएगा । यह पुस्तक बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान एवं पालि साहित्य के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले त्रिपिटकाचार्य डॉ. भिक्षु धर्मरक्षित महास्थविर के जीवन एवं कृतित्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालती है, जिसका प्रकाशन सन 2019 में पालि सोसायटी ऑफ़ इण्डिया, वाराणसी द्वारा किया गया था ।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा वर्ष 2020 के पुरस्कारों की घोषणा की खबर मिलते ही क्षेत्रीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी । श्रमण पुरस्कार के लिए डॉ. शाक्य का चुना जाना समस्त जनपदवासियों के लिए बहुत ही गौरव की बात है । इससे पहले भी आपको राष्ट्रपति पुरस्कार एवं विविध पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है । आप सन 2011 से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में बौद्ध अध्ययन के सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं ।
इस सफलता के लिए आपके गुरु भिक्षु ज्ञानेश्वर महाथेरो, भंते महेंद्र , भंते अशोक, भिक्षु शील प्रकाश, भंते नंदक, डॉ भिक्षु नन्द रतन , रामनगीना, पन्ने लाल यादव, कमलेस शर्मा, मुकेश मालाकार, आदित्य ,सुमित, अवनीश ने बधाई दी |