वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वन्दे मातरम्
सुनाला कण- कण से हरदम
वंदे मातरम् वन्दे मातरम्
सोना उगले वाली इ धरती ह
उपजाऊ माटी नाहीं परती ह
मिटे एह माटी में कवनों गम
वंदे मातरम् वन्दे मातरम्
देवतन के अवतार इहे होला
दुर्गा काली माँ विष्णु भोला
गूॅजे मां शारदा के सरगम
वंदे मातरम् वन्दे मातरम्
धरती हउवे वीर जवानन के
सांस ना लेवे दिहे दुश्मन के
लहरइहें खाली आपन परचम
वंदे मातरम् वन्दे मातरम्
इहें बा क्रांतिकारियन के टोली
खेलिहें दुश्मन के खून से होली
बाटे हमनीं में एतना दम – खम
वंदे मातरम् वन्दे मातरम्
डाॅ० भोला प्रसाद आग्नेय
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