Monday 29th of April 2024 12:59:12 PM

Breaking News
  • मुम्बई पुलिस ने अभिनेता साहिल खान को छत्तीसगढ़ से किया गिरफ्तार |
  • बीजेपी संविधान में बदलाव करने के लिए चाहती है 400 से अधिक सीटे |
  • अलास्का की छोटी पर चढ़ाई करते वक़्त गिरे पर्वतारोही , शव बरामद | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 14 Aug 2021 4:38 PM |   446 views

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया

कुशीनगर-संस्कृति विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिक कैलेण्डर के अनुरूप शिक्षा प्रसार सेवा के अन्तर्गत राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर, द्वारा  14 अगस्त से आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
 
प्रदर्शनी का शुभारंभ लेफ्टिनेंट(NCC) वेद प्रकाश मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि का स्वागत संग्रहालयाध्यक्ष अमित कुमार द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का संचालन तेज प्रताप शुक्ला ने किया। इस अवसर पर NCC के बच्चों द्वारा राष्टगान का गायन एवं  स्वतंत्रता आंदोलन विषयक पोस्टर प्रदर्शनी को भी प्रदर्शित किया गया।
 
ब्रिटिश साम्राज्यवाद के अधीन वर्षों से परतन्त्रता की जंजीरों में जकडे भारतीय रणबाकुरों द्वारा स्वाधीनता हेतु 10 मई, 1857 को प्रारम्भ किया गया प्राणान्तक संघर्ष विभिन्न चरणों एवं विचारधाराओं के साथ निरन्तर प्रगति करता हुआ 15 अगस्त, 1947 को अपने लक्ष्य तक पहुॅंचा। देशभक्तिपूर्ण संघर्ष की इस वीरगाथा को समकालीन अभिलेखों एवं छायाचित्रों के माध्यम से राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
 
प्रदर्शनी में एक तरफ जहाॅं स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े क्रान्तिकारियों-मंगल पाण्डेय, तात्या टोपे, नाना साहब, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीर कुॅंवर सिंह, विग्रेडियर ज्वाला प्रसाद, हाथों में बेड़ियां पहने सरदार भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव, पं0 रामप्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के चित्र वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के प्रेरणास्रोत हैं, वहीं दूसरी तरफ आजादी से पूर्व की महत्वपूर्ण बैठकों, उनमें राष्ट्रवादी नेताओं की सहभागिता एवं अन्य प्रमुख घटनाओं के दुर्लभ छायाचित्र दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र है।
 
इसके अतिरिक्त महात्मा गांधी, सरदार पटेल एवं पं0 जवाहर लाल नेहरू आदि द्वारा जनसभा को सम्बोधित किये जाने से सम्बन्धित चित्रों का भी प्रदर्शन किया गया है।
 
प्रदर्शित चित्रों में मेरठ में क्रांति 10 मई 1857, औघङनाथ मंदिर में फकीर रूपी क्रान्ति के दूत को चर्बीयुक्त कारतूस के प्रयोग करने से इनकार करने पर कोर्ट मार्शल की कार्यवाही हेतु आदेश, भारतीय सैनिकों के सामुहिक कोर्ट मार्शल के पश्चात सभी सभी सौनिकों को बेड़ियां पहनाकर विक्टोरिया पार्क स्थित नई जेल में कैद,मेरठ सदर बाजार के नागरिकों तथा कैंटोनमेंट के कर्मचारियों द्वारा अंग्रेजों पर हमला, भारतीय सैनिकों द्वारा विरोध स्वरूप अपनी बैरकों में आग में लगाना, परेड ग्राउण्ड से अश्व सेना के हथियार बन्द सिपाहीयों द्वारा विक्टोरिया पार्क स्थित नई जेल तोड़कर 85 सैनिकों को मुक्त कराना, झांसी की रानी की वीरगति एवं रेजीडेन्सी लखनऊ के विध्वंस के पश्चात का दृश्य, कानपुर में क्रांति का विस्फोट एवं झांसी में क्रांति का प्रारंभ सहित स्वतंत्रता संग्राम, कानपुर का सती चौरा घाट, कर्नल फिनिश की हत्या,चार्ल्स डाउसन का बंगला जलाते क्रांतिकारी, मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर एवं उनकी वेगम जीनत महल के अतिरिक्त स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य उदघोष -“दिल्ली चलो” का नारा देते हुए सभी सिपाहियों का दिल्ली कूच करना आदि प्रमुख हैं।
 
इस प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों, विद्वतजन एवं जनसामान्य को वीर अमर शहीदों के देशप्रेम, धैर्य और बलिदान की झलक दिखाने का प्रयास किया गया हैं।
 
प्रदर्शनी 31अगस्त तक जनसामान्य के अवलोकनार्थ हेतु प्रत्येक कार्य दिवसों में जारी रहेगी। उक्त अवसर पर गोविन्द, वेग, मीरचन्द,  सनोज कुमार, अनिल सिंह,चन्द्रशेखर,शैलेशआदि उपस्थित रहे।
Facebook Comments