Thursday 28th of March 2024 08:41:07 PM

Breaking News
  • दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल को नहीं मिली कोर्ट से रहत , 1 अप्रैल तक बढ़ी ED रिमांड |
  • बीजेपी में शामिल होने के लिए Y प्लस सुरक्षा और पैसे की पेशकश , दिल्ली के मंत्री सौरभ भरद्वाज का बड़ा आरोप |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 29 Jun 2021 6:05 PM |   303 views

दहेज प्रथा

पापा की छोटी सोन चिरैया,
घर में  उछला करती थी,
मम्मी भी तो हर पल उस पर,
जान छिड़कतीरहती थी,
 
अल्हड़ यौवन आया फिर भी,
सबकी दुलारी बिटिया थी,
मां पापा दोनों के ही,
मैं सुखचैन कि निदिया थी
 
हर खुशियों की खातिर पापा
बच्चों पर कुर्बान थे,
पढ़े बेटियां बढ़े बेटियां
यह उनके अरमान थे,
 
सब कुछ होने पर भी पापा,
गलती तुम से कहां हुई,
बिना सोचे समझे पापा,
जहां पर बेटी ब्याह दी,
 
हर पल ताने ,मार ,झिड़कियां,
यहां पर यह उपहार मिला,
कम दहेज वाली दुल्हन का,
दुश्मन सब परिवार हुआ,
 
सब कुछ सही नहीं बताती,
पापा सह नहीं पाएंगे,
 मेरी आंखों के आंसू
पापा देख ना पाएंगे,
 
पढ़ी-लिखी बेटी नजरों में,
उनके अब आवारा थी,
जितने भी रिश्ते आए थे,
सब में वह नाकारा थी,
 
फला जगह का वो रिश्ता,
तो गाड़ी देने वाला था,
 एक जगह तो बेटा ना था,
बंगला मिलने वाला था,
 
हाय रे मेरी फूटी किस्मत,
करम जली का वर्णन किया,
सुंदर भी तो नहीं जरा भी,
हेलो का हरण किया,
 
पापा ऐसी बातों से,
बेटी क्यों  तोली जाती है,
कम दहेज के कारण क्यों,
बेटी मारी जाती है
 
(  रेखा मिश्रा )
Facebook Comments