Sunday 2nd of November 2025 01:56:00 AM

Breaking News
  • अपने ही घर में डरा हाफिज सईद ,TTP के खौफ में रद्द की लाहौर रैली|
  • नड्डा बोले – लालू राबड़ी का काला युग खत्म ,बिहार को चाहिए नीतीश माडल |
  • तालिबान के लिए भारत ने किया बड़े जंग का ऐलान|
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 22 Mar 2021 5:16 PM |   509 views

भारत की आत्म-निर्भरता जल संसाधनों, जल संपर्क पर निर्भर: मोदी

नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विश्व जल दिवस पर ‘‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’’ की शुरुआत की और कहा कि भारत की आत्म-निर्भरता जल संसाधनों तथा जल संपर्क पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि जल के प्रभावी संरक्षण के बिना भारत का तीव्र गति से विकास संभव नहीं है।

देश में वर्षा का अधिकतर जल बर्बाद होने पर अपनी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पूर्वज हमारे लिये जल छोड़कर गए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम भविष्य की पीढ़ियों के लिये इसका संरक्षण करें। चिंता की बात है कि भारत में अधिकतर वर्षा जल बर्बाद हो जाता है। बारिश का पानी हम जितना बचाएंगे, भूजल पर निर्भरता उतनी ही कम हो जाएगी। उन्होंने प्रत्येक गांव में आगामी सौ दिन वर्षा जल संरक्षण की तैयारियों को समर्पित किये जाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के दौरान 4.5 लाख महिलाओं को जल के परीक्षण के लिये प्रशिक्षित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद पहली बार पानी की जांच को लेकर किसी सरकार द्वारा इतनी गंभीरता से काम किया जा रहा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि पानी के परीक्षण के इस अभियान में हमारे गांव में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ डेढ़ साल पहले देश में 19 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ 3.5 करोड़ परिवारों के घर नल से जल आता था।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद इतने कम समय में ही लगभग 4 करोड़ नए परिवारों को नल का कनेक्शन मिल चुका है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा जल से संरक्षण के साथ ही देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों से चर्चा होती रही है लेकिन अब देश को पानी के संकट से बचाने के लिए इस दिशा में तेजी से कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने केन-बेतवा संपर्क परियोजना को इसी दूर-दृष्टि का हिस्सा बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन होगा, उतनी ही जमीन के पानी पर देश की निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ‘कैच द रैन’ जैसे अभियान चलाना और इनकी सफलता बहुत जरूरी हैं।

वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित इस समारोह के दौरान मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मध्‍य प्रदेश तथा उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना क्रियान्वित करने संबंधी समझौता-ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर भी किए गए। उल्लेखनीय है कि नदियों को जोड़ने की राष्‍ट्रीय योजना के तहत यह पहली परियोजना होगी।

‘‘जल शक्ति अभियान: कैच द रैन’’ कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा ‘‘जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें। इस अभियान को 22 मार्च से 30 नवबंर तक लागू किया जाएगा।

( भाषा )

Facebook Comments