नारी शक्ति
नारी तू कभी भी अबला नहीं है
कौन कहता है तू सबला नहीं है।
याद करो अपने इतिहास को,
जगा दो सोए हुए विश्वास को,
सोचो तुझमें कौन सी कला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
महिषासुर ने जब मचाया था आतंक,
हार गए उससे सभी राजा व रंक,
दुर्गा बन जग का किया भला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
देख रक्तबीज का रूप बवाली,
तुम्ही तो हो खप्पर वाली काली|
क्या वो संकट तुम से टला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
विद्या की देवी तू ही तो शारदे,
लक्ष्मी बन धन संकट से उबार दे|
क्या टला तुमसे सारी बला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
पिलाया अंग्रेजों को नाक से पानी,
बन के लक्ष्मीबाई झांसी की रानी
खूब लड़ी क्या मुख से निकला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
अब आज तुम अपने को पहचानो,
धन बल विद्या का अवतार मानो|
अबला कह क्या सबने छला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
बुरी नजर से देखे कोई तुझको,
मिला दो तुरंत खाक में उसको
नारी शक्ति कोई जलजला नहीं है
नारी तू कभी भी अबला नहीं है।
-डाॅ 0 भोला प्रसाद आग्नेय
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