Monday 22nd of September 2025 02:10:30 AM

Breaking News
  •  22 सितम्बर से लागू होंगी GST की नई दरें ,MRP देखकर ही करे खरीददारी |
  • उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित धराली के सेब उत्पादकों से उपज खरीदेगी |
  • H-1 B पर खडगे के खोखले नारे बयान पर भड़के पूर्व विदेश सचिव ,किरन रिजिजू ने कांग्रेस को घेरा | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 30 Jan 2021 4:48 PM |   612 views

नव नालंदा महाविहार में महाकवि जयशंकर प्रसाद की जयंती का उत्सव ‘ प्रसाद पर्व ‘मनाया गया

 नालंदा-नव नालंदा महाविहार में महाकवि जयशंकर प्रसाद की 133 वीं जयंती का उत्सव  : ” प्रसाद पर्व”  मनाया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि प्रसाद के साहित्य में भारतीय संस्कृति सम्बंधी गहरी जिज्ञासा है , जो क्रमश: गम्भीरतर होती जाती है। उनकी नई दृष्टि , बिम्बधर्मिता एवं काव्य-शैली  से ‘छायावाद’ का उद्भव हुआ। उनके साहित्य ने भारत को पुरुषार्थ एवं  नई दिशा दी। उनके ‘ चन्द्रगुप्त’  नाटक को मंचित होते मैंने देखा है, जो कालजयी है।
 
बीज वक्तव्य देते हुए हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ ने कहा कि प्रसाद का साहित्य जड़ एवं चेतन में एक ही तत्त्व  देखता है तथा इच्छा  को सर्जना एवं काम को ऊर्जा का हेतु मानता है। उनमें कर्म एवं भोग का सहज समन्वय है। उनकी रचना के मूल में मनुष्यता का अन्वेषण है। वे अतीतगामी नहीं अपितु प्राचीन भारतीय वैभव के विलक्षण  उत्खननकर्ता हैं। ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक में उन्होंने प्राचीनता के बहाने समकालीन चेतना की नारी की सर्जना की है। ‘कामायनी ‘ में प्रसाद के जीवन- निष्कर्ष एवं जीवनानुभव हैं न कि केवल कथा-वस्तु व पात्र । उनके नाटक  नए रंगमंच को भी गति देने में समर्थ हैं।
 
संचालन एसोशियेट प्रोफ़ेसर डॉ. हरे कृष्ण तिवारी ने किया। उन्होंने प्रसाद को हिन्दी का गौरव बताया जिनके माध्यम से खड़ी बोली हिन्दी ने नया आकार लिया। धन्यवाद- ज्ञापन सहायक आचार्य  डॉ. अनुराग शर्मा ने किया।  
 
कार्यक्रम में हिंदी विभाग की एम. ए. कक्षा के  पाँच विद्यार्थियों- शिखा सिन्हा, रश्मि रथी , आलोक कुमार, अभिषेक कुमार तथा सुधांशु कुमार ने प्रसाद की रचनाओं का पाठ किया।
 
कार्यक्रम में  डॉ. नीहारिका लाभ के साथ नव नालंदा महाविहार के  आचार्य प्रो. सुशीम दुबे, प्रो. राणा  पुरुषोत्तम कुमार, डॉ. श्रीकांत सिंह, डॉ. विश्वजीत कुमार, डॉ. दीपंकर लामा, डॉ. रूबी कुमारी, डॉ. मुकेश वर्मा, डॉ. धम्म ज्योति, डॉ. अरुण कुमार,  डॉ. जितेन्द्र कुमार आदि , रजिस्ट्रार डॉ. सुनील प्रसाद सिन्हा, शिक्षणेतर सदस्य , शोध छात्र , अन्य कक्षाओं के छात्र एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
Facebook Comments