केतनो खेलइ ब गोदी में
केतनो खेलइ ब गोदी में
बना के ओके बबुआ
दूनों हाथे ऊपर नीचे
झुलइ ब केतनो झुलुआ
भले खियइ ब हीक भर
पूआ चाहे ठेकुआ
तब्बो कामे ना आई
ऊ त हउवे कटुआ
बुद्धी हो जाला भोथर
काटे छूरी चाहे हसुआ
धोखा दी त मुंह लटकइ ब
जइसे होखे सरल भतुआ
मोका देखते तोहरा मुंहे
पोती ऊ सुक्खल सतुआ
– डॉ भोला प्रसाद
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