Friday 26th of April 2024 03:31:55 AM

Breaking News
  • बीजेपी में शामिल हुए यूटूबर मनीष कश्यप , बोले माँ के कहने पर लिया फैसला |
  • कन्नौज से चुनावी मैदान में उतरे अखिलेश परिवार की मौजूदगी में किया नामांकन |
  • केस अपडेट से लेकर जरुरी फैसलों तक , अब व्हाट्स एप्प पर मिलेगी सुप्रीमकोर्ट मामले की जानकारी |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 25 Oct 2020 3:19 PM |   262 views

राजनाथ ने अहम सैन्य अड्डे पर ‘शस्त्र पूजा’ की

नयी दिल्ली-  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दशहरा के मौके पर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक अहम सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा की। इस सैन्य केंद्र पर सिक्किम सेक्टर में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा की जिम्मेदारी है।

जब रक्षा मंत्री भारतीय सेना की 33 कोर के सुकना स्थित मुख्यालय में पूजा कर रहे थे, उस समय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे तथा सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि सिंह को सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ऊंचाई वाले सीमावर्ती इलाके शेरथांग में पूजा करने का कार्यक्रम था, लेकिन वह खराब मौसम की वजह से वहां नहीं जा सके।

रणनीतिक तौर पर अहम सैन्य अड्डे पर सिंह ने ऐसे समय शस्त्र पूजा की है जब भारत और चीन के बीच बीते पांच महीने से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध चल रहा है। गतिरोध का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि भारत तनाव को खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए समर्पित हैं और वे देश की भूमि का एक इंच भी किसी को लेने नहीं देंगे।

उन्होंने कहा, ” भारत तनाव खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है। मुझे पूरा यकीन है कि हमारी सेना भारत की एक इंच भी भूमि अन्य के हाथों में नहीं पड़ने देगी। सिंह दशहरा पर पिछले कई साल से शस्त्र पूजा कर रहे हैं। उन्होंने राजग की पिछली सरकार के कार्यकाल में गृह मंत्री रहने के दौरान भी यह पूजा की थी।

भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव के मद्देनजर बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित एलएसी पर सतर्क है। दोनों पक्षों ने इस गतिरोध को खत्म करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ताएं की हैं लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। रक्षा मंत्री शनिवार को 33वीं कोर के सुकना स्थित मुख्यालय पहुंच थे।

जवानों के एक समूह को शनिवार शाम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन समय-समय पर ऐसे हालात पैदा हुए जब देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उसके सशस्त्र बलों को सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा।

रक्षा मंत्री ने सैन्य अड्डे पर उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सेना की तैयारियों की समीक्षा भी की।

Facebook Comments