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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 16 Sep 2020 3:26 PM |   611 views

हिंदी की दुर्दशा

हिंदी हिंदी का शोर मचाकर 

हिंदी का न अपमान करो 

आये हो दिवस मनाने 

मंचो पर चिल्लाकर 

नही उद्धार कर पाओगे 

जमीन पर उतर कर देखो 

रसातल में पाओगे 

हिंदी ही नही गई

हिन्दुस्तान का शान गया 

हिंदी की बिंदी गई 

हिन्द का पहचान गया |

कल तक शरीर था गुलाम 

आज मन भी  विकलांग हुआ 

मानसिकता अभी गई नही

भारत अब इंडिया हुआ |

अंग्रेजी सभ्यता में खोकर 

अपने संस्कार भूल गये 

संस्कृति रख दी ताख पर 

अंग्रेजी के मुरीद बन गये |

समझ लो भाषा गई अगर 

संस्कृति भी चली जाएगी 

धर्म शास्त्र, वेद ,उपनिषद 

पुराण सब धरे रह जायेंगे |

जब से बच्चे अंग्रेजी शिक्षा के 

शिकार बन गये 

रात्रि की चकाचौध में 

सूर्य नमस्कार भूल गये |

जब तक चरण स्पर्श को हाय

विदाई को बाय संस्कार में रहेगा 

सम्मान में हिंदी के 

न कोई मस्तक झुकेगा |

ध्यान रहे ये  बनावटी 

मिलावट से सजी रौशनी है 

पर हमारी हिंदी भाषा  ही 

सभी भाषाओँ की जननी है |

लम्बे चौड़े भाषण से 

क्यों अपने को भरमाते हो 

हिंदी को आदर्श बताकर 

अंग्रेजी का रोब जमाते हो |

शिक्षक को टीचर कहकर 

छात्र को स्टूडेंट बताते हो 

क्यों हिंदी का मान बढ़ाकर 

दिल को ठेस पहुंचाते हो |

पालने के बच्चे को

आइस ,ईयर नोज पढ़ाते हो 

अंग्रेजी का डोज देकर

उसको अंग्रेज बनाते हो|

निकाल सको तो 

देश से निकालो इसे 

क्यों अंग्रेजी माध्यम के 

विद्यालय खुलवाते हो |

अब हिन्दुस्तान से 

अंग्रेजी न निकाल पाओगे 

दिल , दिमाग दहलीज पर 

हर जगह हम है 

हम कैसे निकालोगे ?

फ्रेम बनकर तुम्हारे आँखों पर चढ़ गई हूँ

ईयरफोन बन कानो में घुस गई हूँ

बेडशीट बन बिस्तर पर चढ़ गई हूँ

उंगलियों के तुम्हारे रिमोट बन गई हूँ

लैपटॉप से गोदी में बैठकर 

तुम्हारी स्वीट हार्ट बन गई हूँ |

देखो तुम्हारी माताजी को हमने 

मम्मी बना दिया 

पिताजी को  मैंने डैड कर दिया |

अंग्रजी हर जगह बैठी 

डराती है  , धमकाती है 

आँखों में बैठकर 

दहशत दिखाती है |

हिंदी हिन्द देश में ही 

सिकुड़ी हुई ,डरी हुई 

सकुचाती है ,शर्माती है |

हिंदी की दुर्दशा की जिम्मेदारी 

हमारे पर ही आती है 

क्योकि हिंदी बोलने में

लाज जो आती है |

मातृ भाषा का यह अपमान 

अनिता सह न पायेगी 

सिर्फ हिंदी दिवस मनाकर ही 

चुप न रह पायेगी |

( अनिता श्रीवास्तव , सहायक अध्यापिका , बस्ती )  

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